साँवरे …!!!!!
तेरे सितम को हमने.. बेरुख़ी समझा
प्यार को हमने..बंदगी समझा
तुम चाहे हमें…जो भी समझो
हमने तो तुम्हें……..अपनी ज़िंदगी समझा
जय हो ????
*? जय श्री श्याम ?*
साँवरे …!!!!!
तेरे सितम को हमने.. बेरुख़ी समझा
प्यार को हमने..बंदगी समझा
तुम चाहे हमें…जो भी समझो
हमने तो तुम्हें……..अपनी ज़िंदगी समझा
जय हो ????
*? जय श्री श्याम ?*
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