मेरे
श्याम
न जिद है न कोई गुरूर है मुझे… बस तुम्हें पाने का सुरूर है मुझे.
अगर इश्क़-ए-गुनाह है ये…
तो हाँ, गलती की है मैंने साँवरे.
सजा जो भी हो मंजूर है मुझे…!!
*? जय श्री कृष्ण ?*
मेरे
श्याम
न जिद है न कोई गुरूर है मुझे… बस तुम्हें पाने का सुरूर है मुझे.
अगर इश्क़-ए-गुनाह है ये…
तो हाँ, गलती की है मैंने साँवरे.
सजा जो भी हो मंजूर है मुझे…!!
*? जय श्री कृष्ण ?*
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