राधा साध्यम साधनं यस्य राधा,
मंत्रो राधा मन्त्र दात्री च राधा।
सर्वं राधा जीवनम् यस्य राधा,
राधा राधा वाचि किम तस्य शेषम।।
भावार्थ::-:—-राधा साध्य है उनको पाने का साधन भी राधा नाम ही है ।मन्त्र भी राधा है और मन्त्र देने वाली गुरु भी स्वयं राधा जी ही है।सब कुछ राधा नाम में ही समाया हुआ है। और सबका जीवन प्राण भी राधा ही है। राधा नाम के अतिरिक्त ब्रम्हांड में शेष बचता क्या है ?
राधे?राधे?राधे?राधे
Leave a Reply