ऐसा दर्पण मुझे कन्हाई दे जिसमें मेरी

राधे राधे जी?????

ऐसा दर्पण मुझे.. कन्हाई दे…
जिसमें मेरी.. मुझकों कमी… दिखाई दे ।????

गति मेरी सांसों की ठहर जाए…
जब तेरी बांसुरी सुनाई दे ।????

श्याम मैं दुर रहके हूं बीमार…
पास आकर तू मुझे..अपनें प्रेम की…दवाई दे।????

वस्त्र वापस दें मुझे तू….भक्ति साधनाओं के…
आस्था को मेरी…ना तू जग हंसाई दे ।????

दे कलम अपनी बांसुरी जैसी…
और अपनी रंगत की…रोशनाई दे ।????

तुने माखन चुराए है…छलिए!
दिलों को चुराने की…मत!…सफाई दे ।????

दोस्ती का उधार है तुझ पर…!
हक!…सुदामा का…पाई-पाई दे ।????
*चल इतना तो कर दे…
मुझें लाड़ली ज़ु के चरणों में रहनें की…दुआएं दें!!!*दिल से राधे राधे जी।????


by

Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *