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रोम रोम तेरा बलिहारी
अंग अंग करे तेरा वन्दन
हृदय में आन पधारो जी
ओ जुगल किशोर नन्द नन्दन
नजरों से नजर चुरा गया
तेरी नजरो का जादुई अंजन
धन्य हुआ मेरा जीवन
पाकर ये मनोरम दर्शन⚡
?जय श्री राधे श्याम ?
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रोम रोम तेरा बलिहारी
अंग अंग करे तेरा वन्दन
हृदय में आन पधारो जी
ओ जुगल किशोर नन्द नन्दन
नजरों से नजर चुरा गया
तेरी नजरो का जादुई अंजन
धन्य हुआ मेरा जीवन
पाकर ये मनोरम दर्शन⚡
?जय श्री राधे श्याम ?
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