जीवन बाँसुरी की तरह है
जिसमे बाधाओं रूपी कितने भी छेद क्यों न हो लेकिन जिसको उसे
बजाना आ गया
उसे जीवन जीना आ गया
अज्ञानी व्यक्ति गलती छिपाकर
बडा बनना चाहता है,
औऱ
ज्ञानी व्यक्ति गलती मिटाकर
बडा बनना चाहता है.
सुभरात्री ??????
जीवन बाँसुरी की तरह है
जिसमे बाधाओं रूपी कितने भी छेद क्यों न हो लेकिन जिसको उसे
बजाना आ गया
उसे जीवन जीना आ गया
अज्ञानी व्यक्ति गलती छिपाकर
बडा बनना चाहता है,
औऱ
ज्ञानी व्यक्ति गलती मिटाकर
बडा बनना चाहता है.
सुभरात्री ??????
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