?हे बांकेबिहारी…?
?मूर्ति मे तुझे क्या देखूं,
तू नूर बनकर नैनो मे समाया है…?
?अब जिधर देखता हूं प्यारे,
उधर तूने अपना रुप बनाया है…?
?इस आशिकी को कौन समझे,
जग ने बहुत ठुकराया है…?
?पर गम नही किसी के रुठ जाने का,
क्योकि मेरे सांवरे ने मुझे अपनाया है.?
?!! जय श्री कृष्णा !! ?
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