✍
पर्स को कहाँ मालूम
पैसे उधार के हैं..
वो तो बस फूला ही रहता है
अपने गुमान में…
ठीक यह ही हाल हमारा है
साँसे उस प्रभु की उधार दी हुई है।
पर ना जाने गुमान किस बात पर है
?? शुभ प्रभात?
पर्स को कहाँ मालूम पैसे उधार के हैं
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पर्स को कहाँ मालूम
पैसे उधार के हैं..
वो तो बस फूला ही रहता है
अपने गुमान में…
ठीक यह ही हाल हमारा है
साँसे उस प्रभु की उधार दी हुई है।
पर ना जाने गुमान किस बात पर है
?? शुभ प्रभात?
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