चरणों से बहती गंगा से चरणामृत

चरणों से बहती गंगा से चरणामृत नित्य ही पाऊँगा,
देव माटी की करके सेवा जीवन सफल बनाऊँगा,
जगजननी की शिखर ध्वजा का नित्य दर्शन पाऊँगा,
मैं बढभागी झुनझुनू की देहरी पर
नित्य भाव चढ़ाऊँगा….
??जय माता दी??


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