क्रोध में भी शब्दों का चुनाव

*✍क्रोध में भी शब्दों का चुनाव ऐसा होना चाहिए,*
*कल जब गुस्सा उतरे तो ख़ुद की नजरों में शर्मिंदा न होना पड़े..!!*
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” *✍बुराई वो ही करते हैं*
*जो बराबरी नहीं कर सकते “*
*बस एक तज़ुर्बा लिया है ज़िन्दगी से..*
*अपनो के नज़दीक रहना है तो खामोश रहो*
*और अपनो को नज़दीक* *रखना है तो*
*कोई भी बात दिल पर मत लो..!!*
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*✍जो दिल मे है*
*उसे कहने की हिम्मत रखिए*
*और जो दूसरो के दिल में है*
*उसे समझने का हुनर रखिए*
*रिश्ते कभी नहीँ टूटेंगे..!!*
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*✍समय जब करवट लेता है*
*जब बाज़ियाँ नहीं जिंदगियाँ*
*पलट जाती हैं इसलिए,*
*अपने बुरे समय में सब्र करें*
*और अच्छे समय में ग़ुरूर ना करें..!!*
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*✍एक नफरत है जिसको पल भर में महसूस कर लिया जाता है””और””*
*एक प्रेम है जिसका यकीन दिलाने के लिए सारी जिंदगी भी कम पड़ जाती है..!!*
*?????? शुभ रात्रि जय श्री राधे*?????


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