*काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी, टूटे ना कभी डोर विश्वास की ।*
*छूलों आप जिंदगी की सारी कामयाबी जैसे पतंग छूती है ऊंचाईया आसमान की।*
*?मकर सक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं?*
काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी
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*काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी, टूटे ना कभी डोर विश्वास की ।*
*छूलों आप जिंदगी की सारी कामयाबी जैसे पतंग छूती है ऊंचाईया आसमान की।*
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