??श्रीमद् भगवद्गीता श्लोक??
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दुःखेष्वनुद्विग्नमनाः सुखेषु विगतस्पृहः ।
वीतरागभयक्रोधः स्थितधीर्मुनिरुच्यते ॥
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भावार्थ : दुःखों की प्राप्ति होने पर जिसके मन में उद्वेग नहीं होता, सुखों की प्राप्ति में सर्वथा निःस्पृह है तथा जिसके राग, भय और क्रोध नष्ट हो गए हैं, ऐसा मुनि स्थिरबुद्धि कहा जाता है॥
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आपका आज का दिन मंगलमय रहे।
???सुप्रभातम् ???
सुप्रभातम् श्रीमद् भगवद्गीता श्लोक
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