गलती करने के लिये

गलती “करने के लिये..”
कोई भी समय “सही” नहीं,
और…
गलती “सुधारने के लियें..”
*कोई भी समय “बुरा” नहीं!

कुछ लोग “ज़िन्दगी” होते हैं,
कुछ लोग “ज़िन्दगी” में होते हैं।
कुछ लोगों से “ज़िन्दगी” होती है,
“पर”
कुछ “लोग होते हैं” तो “जिंदगी”होती है।
वक़्त,दोस्त ?और रिश्ते
वो चीजें है;
जो मिलती तो मुफ्त हैं;
मगर इनकी कीमत का पता;
तब चलता हैं;
जब ये कहीं खो जाती हैं
? ।। जय श्री राधे कृष्ण ।। ?
??? शुभ प्रभात मंगलम ???


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