दो तथ्य हमारे व्यक्तित्व को

सुप्रभात

दो तथ्य हमारे व्यक्तित्व को
परिभाषित करते हैं
एक हमारा धीरज
जब हमारे पास कुछ न हो
दूसरा हमारा व्यवहार
जब हमारे पास सब कुछ हो
मनुष्य के हृदय में सच्ची मानवता हो
तो सोच हमेशा यही होगी कि
मुझे मिला हुआ दुःख
किसी को नही मिले और
मुझे मिला हुआ सुख सबको मिले
कुँए में उतरने के बाद बाल्टी झुकती है
लेकिन झुकने के बाद
भर कर ही बाहर निकलती है
जीवन भी कुछ ऐसा ही है
जो झुकता है वो अवश्य
कुछ न कुछ लेकर ही उठता है।

!!!…परिस्थितियां , , ,
स्वभाव बदल देती है
इंसान तो कल भी , , ,
वही था, आज भी वही है …!!!

जय श्री कृष्ण??

आज का दिन शुभ मंगलमय हो।


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