जय जय श्री राम?
??शब्द और सोच??
“शब्दों” का और “सोच” का ही
अहम किरदार होता है आपस की दूरियां बढाने में……
कभी हम “समझ” नहीं पाते हैं
और कभी हम “समझा” नहीं पाते हैं…
कोशिश करे “समझने” की
कोशिश करे “समझाने” की
जय जय श्री राम?
??शब्द और सोच??
“शब्दों” का और “सोच” का ही
अहम किरदार होता है आपस की दूरियां बढाने में……
कभी हम “समझ” नहीं पाते हैं
और कभी हम “समझा” नहीं पाते हैं…
कोशिश करे “समझने” की
कोशिश करे “समझाने” की
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