हे मेरे गिरधर ….
ठहराव तुम्हारा ही है …!
हमारे दिल के आशियाने में …!
तेरे सिवाय कौन रह सकता है …!
प्यारे इस गरीबखाने में …!
?!! जय श्री कृष्णा !!?
हे मेरे गिरधर ….
ठहराव तुम्हारा ही है …!
हमारे दिल के आशियाने में …!
तेरे सिवाय कौन रह सकता है …!
प्यारे इस गरीबखाने में …!
?!! जय श्री कृष्णा !!?
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