तन्हाई लिखूँ खामोशी लिखूँ

सांवरे
तन्हाई लिखूँ,खामोशी लिखूँ या मुहब्बत तुम्हारी,
तीनों ही “किरदारों” में ग़ज़ब की……अदाकारी है तुम्हारी


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