Author: statusmsg

  • यदि कोई सही तरीके से बोलना जानता है

    ?? ।। जय श्री राम ।। ?? यदि कोई सही तरीके से बोलना जानता है, तो उसे पता है कि वाणी एक अमूल्य रत्न है। इसलिए वह ह्रदय के तराजू में तोलकर ही, उसे मुंह से बाहर आने देता है… ?☘?☘?☘?☘?☘ ?? ।। नमस्कार ।।??

  • पाँच तत्व का कोड है भगवान

    पाँच तत्व का कोड है भगवान जिससे यह ब्रह्माण्ड बना भ + ग + व + आ + न भूमि (धरती), गगन (आकाश), वायु (हवा), अग्नि (आग), नीर (पानी) क्या अब भी कोई है जिसने भगवान को देखा अथवा जाना नही..? अब अपने अन्दर झांक कर देखो भगवान नज़र भी आएगा और महसूस भी होगा…

  • बड़ा आदमी वो कहलाता है

    ?? ।। जय श्री राम ।। ?? बड़ा आदमी वो कहलाता है, जिससे मिलने के बाद कोइ खुद को छोटा महसूस ना करे !! ?????????? ??।। नमस्कार ।।??

  • रिश्ते मन से बनते है बातों

    रिश्ते मन से बनते है बातों से नही, कुछ लोग बहुत सी बातो के बाद भी अपने नही होते और कुछ शांत रहकर भी अपने बन जाते है … ?????? प्यारी-सी सुबह का प्यारा-सा प्रणाम ???सुप्रभात???

  • रिश्ता कभी खत्म नही होता

    ?? ।। जय श्री राम ।। ?? रिश्ता कभी खत्म नही होता, बातों से छूटा तोह आंखों में रह जाता है, आंखों से छूटा तोह यादों में, ????????? ?।। नमस्कार ।। ?

  • अगर मनुष्य अपने भीतर

    ?।। जय श्री राम ।। ? अगर मनुष्य अपने भीतर, और अपने बाहर जीवन में, उजाला चाहता है, तो गोस्वामी तुलसीदासजी कहते हैं, कि उसे अपने मुखरूपी प्रवेशद्वार, की जिह्वारूपी चौखट पर राम नाम, की मणि रखनी चाहिए ।। ?????????? ।। नमस्कार ।।

  • मन की बात कह देने से

    ✍?… मन की बात कह देने से, फैसले हो जाते हैं, और मन में रख लेने से, फासले हो जाते है, ??आपका दिन शुभ हो ?

  • भाग्य क्या है

    भाग्य क्या है ? अवसर और तत्परता, दोनों का मिलन ही भाग्य है, जो अवसर को पहचान ले, और तत्परता से पकड़ ले, बस समझ लीजिए, भाग्य हाथ में आ गया, ? ? हरे कृष्णा ? ?

  • स्वीकार करने की हिम्मत

    स्वीकार करने की हिम्मत और सुधार करने की नीयत हो. तो.. इंसान अपनी भूल से भी… बहुत कुछ सीख सकता है..!! ??शुभप्रभात?? आपका दिन मंगलमय हो ?????????

  • ये चन्द पंक्तियाँ जिसने भी लिखी है

    ये चन्द पंक्तियाँ जिसने भी लिखी है, खूब लिखी है, ग़लतियों से जुदा तू भी नही, मैं भी नही, दोनो इंसान हैं, खुदा तू भी नही, मैं भी नही, ” तू मुझे ओर मैं तुझे इल्ज़ाम देते हैं मगर, अपने अंदर झाँकता तू भी नही, मैं भी नही “, ” ग़लत फ़हमियों ने कर दी…