Author: statusmsg

  • बहुत सुन्दर बात दर्द कितना खुशनसीब

    बहुत सुन्दर बात ? दर्द कितना खुशनसीब है जिसे पा कर लोग अपनों को याद करते है, दौलत कितनी बदनसीब है जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है… ✍ कितना अजीब है ना? साहब… 84 लाख जीवो में एक मानव ही धन कमाता है॥ अन्य कोई जीव कभी भूखा नहीं मरा और…

  • शब्द और सोच दूरियां बढ़ा देते है

    शब्द और सोच दूरियां बढ़ा देते है, क्योंकि….. कभी हम समझ नहीं पाते, और कभी हम समझा नहीं पाते. ? ?जय माता रानी दी??

  • ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की

    ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की, आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी है. अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा जाना मुझे, क्यों की जिसकी जितनी जरूरत थी उसने उतना ही पहचाना मुझे. ??सुप्रभात??

  • लोगों की अपेक्षाओं का कोई अन्त नहीं है

    लोगों की अपेक्षाओं का कोई अन्त नहीं है। जहाँ आप चूके वहीं पर लोग बुराई निकाल लेते हैं और पिछली सारी अच्छाईयों को भूल जाते हैं। इसलिए अपना कर्म करते चलो। लोग तो वैसे भी आपसे कभी संतुष्ट नहीं होगें। ? आपका दिन शुभ हो ?

  • बहुत ही सुन्दर मैसेज

    ? बहुत ही सुन्दर मैसेज ? ??☘?☘?☘?? ? जहाँ सूर्य की किरण हो .. वहीँ प्रकाश होता है.. जहाँ भगवान के दर्शन हो.. वहीँ भव पार होता है.. जहाँ संतो की वाणी हो… वहीँ उद्धार होता है… और… जहाँ प्रेम की भाषा हो.. वहीँ परिवार होता है… ?good morning? ??☘?☘?☘??

  • ज़िन्दगी में खुद को कभी किसी इंसान

    ज़िन्दगी में “खुद” को कभी किसी इंसान का “आदी” मत बनाइए। क्यूँकि इंसान बहुत खुदगर्ज़ है। जब आपको पसंद करता है तो आपकी “बुराई” भूल जाता है और जब आपसे नफरत करता है तो आपकी “अच्छाई” भूल जाता है। ??☕?good morning?

  • ​तलाशी ले लो ​निगाहो की​

    ​राधे राधे​……​मेरे ​कान्हा​ ​तलाशी ले लो ​निगाहो* की​ ​मेरी ख़ताओं का पता तुम्हें लग जाएगा !​ ​बस एक तेरी ​तस्वीर​ छुपाई है मैंने दिल में​ ​उसके सिवा तुम्हें कुछ भी न मिल पाएगा !!​??* ​?मेरे कान्हा?​

  • वक़्त हमारा हो और साथ तुम्हारा हो

    वक़्त हमारा हो और साथ तुम्हारा हो..! हर लम्हा ठहर जाए जब हर एहसास में एहसास तुम्हारा हो.? jai shri krishna ?????????

  • इच्छाओं का भी अपना चरित्र होता है

    इच्छाओं का भी अपना चरित्र होता है जब खुद के मन की हो तो बहुत अच्छी लगती हैं जब दूसरों की मन की हो तो बहुत खटकती है । ?सुप्रभात?

  • चिन्ता हमें नहीं अपनी

    # चिन्ता हमें नहीं अपनी. चिन्ता उन्हें हमारी हैं। हमारी नाव के रक्षक, स्वयं कृष्ण मुरारी है।। ??।।।।?? ” ʝa¥ ֆɦʀɛɛ kʀɨֆɦռa “??