Author: statusmsg
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दुनिया के लाखों पेड़ गिलहरियों
सुविचार :- दुनिया के लाखों पेड़ गिलहरियों की देन हैं ! वे खुराक के लिए बीज जमीन में छुपा देती है … और फिर जगह भूल जाती है ! अच्छे कर्म करो और भूल जाईये! समय आने पर फलेंगे जरूर। ?? ? राम राम???
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तकदीर के खेल से
तकदीर के खेल से नाराज नहीं होते। जिंदगी में कभी उदास नहीं होते। हाथों किं लक़ीरों पे यक़ीन मत करना। तकदीर तो उनकी भी होती हैं , जिन के हाथ ही नहीं होते। किसी अच्छे इंसान से अगर कभी कोई गलती हो जाये तो सहन कर लेनी चाहिये….. “क्योँकि” मोती अगर कभी कचरे में गिर…
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मेरे मोहना आप ऐतबार की
मेरे मोहना आप ऐतबार की बात करते हो,,,, मैंने तुम्हारे इंतजार से भी मोहब्बत की है,,,,?? श्री राधे
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तुम जो चाहो मुझको समझना
हे श्याम…… तुम जो चाहो ,मुझको समझना मेरा तुमसे बस इतना है कहना माँगने की आदत मेरी जाती नही, तेरे आगे मुझे लाज आती नही बड़े बड़े पैसे वाले भी तेरे द्वारे आते है मुझको है मालूम वो भी तुझसे मांगकर ही खाते है हे श्याम तुझसे शरम कर में कहा जाऊँगा अपने इस परिवार…
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जलेबी सिर्फ़ मीठी ही नहीं एक महत्वपूर्ण
जलेबी सिर्फ़ मीठी ही नहीं, एक महत्वपूर्ण संदेश भी देती है। खुद कितने भी उलझे रहो, पर दूसरों को हमेशा मिठास दो । सु-प्रभातम् आपका दिन मंगलमय हो??
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जिस रात तेरा दीवाना रोया है
जिस रात तेरा दीवाना रोया है, अपने आंसुओं से उसने तेरे मन को भिगोया है। लाख छुपा ले चाहे तू इस बात को मगर हमें पता है उस रात को, तू भी चैन से न सोया है।। ।। जय श्री श्याम।। ???????????????
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दिन हुआ है तो रात भी होगी
बाबा कहते हैं: दिन हुआ है तो रात भी होगी मत हो उदास कभी बात भी होगी इतना प्यार करता है तू मुझसे एक समय तेरा भी ऐसा लाऊँगा कि अपनी हर ग्यारस पे मुलाकात भी होगी ?जय श्री श्याम??
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तीर्थानां च परं तीर्थं कृष्णनाम
तीर्थानां च परं तीर्थं कृष्णनाम महर्षयः। तीर्थीं कुर्वन्ति जगतीं गृहीतं कृष्णनाम यैः।। समस्त तीर्थों में सर्वोपरि तीर्थ ‘कृष्ण’ नाम है। जो लोग श्रीकृष्णनाम का उच्चारण करते हैं, वे संपूर्ण जगत को तीर्थ बना देते हैं। ।। जय श्री कृष्णा।। ?????????
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यह कैसी लगन तुमने
हे श्री जू बिहारी जी… ?यह कैसी लगन तुमने, ? ??मुझको लगा दी …!! सोचा था प्यास बुझेगी, ? ??तुमने और बढ़ा दी है…?? ❤°”..खुशियाँ बहुत है मेरे दायरे मे..!!”°❤ ❤❤ ❤°”..पर मुकम्मल तुम्हारे ख्याल से ही होती हैं..!!”°❤ जय जय श्री राधे…???
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उलझा रही है मुझको ये
उलझा रही है मुझको ये कशमकश अंदर से कि तुम बस गए हो मुझमें या हम खो गए है तुझमे ?जय राधेकृष्ण ?