Author: statusmsg
-
स्वयं में आस्था है
?????????????????? स्वयं में ‘आस्था’ है तो बंद द्वार में भी ‘रास्ता’ है.. ?शुभ प्रभात ? जयश्री राधे कृष्णा जी सभी को ?????????
-
हाथों की मेरी इन लकीर
??? Զเधे Զเधे ??? हाथों की मेरी इन लकीर में सुन्दर सा यार लिखा है……. दूसरी लकीर को देखा उसमें बेशुमार प्यार लिखा है……… ख़ुशी से पढ़कर देखा तो जन्म जन्म का साथ लिखा है…… अरे ये कोई और नहीं मेरे”कान्हा”का नाम लिखा है……. “जय श्री राधे कृष्णा” ????★???? ??? Զเधे Զเधे ???
-
श्री श्याम प्रभु के आज खाटूश्याम
श्री श्याम प्रभु के आज “खाटूश्याम जी” से भव्य अलौकिक “मँगला श्रृंगार दर्शन”…??? ?✨…हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा…✨? ??…जय श्री श्याम…?? ??…खाटूश्याम जी दर्शन…??
-
ये बाबा मोर छड़ी वाला
ये बाबा मोर छड़ी वाला मन को लुभावे ये तो सब को भाये ये तो प्रेम बढ़ाये सबसे ये बाबा मोरछड़ी वाला जो भी आये सबको निभाये ये बाबा नीले घोड़े वाला श्याम का रंग नीला पहने पीताम्बर पीला इसका बागा सजीला इसका रूप है नशिला जो भी देखे अपने होश गवाये ऐसा जादू इसने…
-
सुख दुख़ निभाना तो कोई
सुख दुख़ निभाना तो कोई फूलों से सीखे साहब !, बारात हो या जनाज़ा.. साथ ज़रूर देते हैं…… ??? ॐ साई राम? ??
-
सुप्रभात कोई साधारण शब्द
सुप्रभात कोई साधारण शब्द नहीं बहुत ही अर्थपूर्ण है- सु-सुबह से शाम तक आप प्र-प्रसन्नता पूर्ण भा-भाग्यशाली एवं त-तनाव रहित रहें… ??”सुप्रभात”??
-
भगवान द्वारा भक्तों की
◆?•¡!•???•!¡•?◆ ‼8⃣●4⃣●1⃣8⃣‼ वैशाख कृष्णपक्ष रविवार अष्टमी ? ! भगवान द्वारा भक्तों की वाणी को सत्य करना !? ? प्रिया दास जी , नाभाजी के हार्दिक भाव को व्यक्त करते हुए आगे कहते कि चतुर्भुज भगवान चारों युगों में सदा ही अपने भक्तों की वाणी को सत्य करते हैं ।1- श्री भुवन सिंह जी चौहान की…
-
पलकें उठाके साँवरे
पलकें उठाके साँवरे, इक बार देखलो, आँखों से मेरे बह रही, वो धार देखलो ।। दाता तेरे जहान की, रफ्तार है बड़ी, किस्मत हमारी क्यूँ भला, रूठी हुई पड़ी, पिछड़ा हूँ मैं जमाने से, दातार देखलो ।। आँखों से मेरे बह रही, वो धार…. बदला है तूने जीत में, कितनों की हार को, कश्ती हमारी…
-
सांवरे का इस दिल पर कब्जा
श्री राधे ………………….. ★ सांवरे का इस दिल पर कब्जा हो गया,? महंगा था जो सौदा वो सस्ता हो गया,? आता है जो भी राधा रानी के दरबार मे,? उसका बांकेबिहारी से मिलना पक्का हो गया…
-
मुस्कान और मदद ये दो
“मुस्कान और मदद ये दो ऐसे इत्र हैं,जिन्हें जितना अधिक आप दूसरों पर छिड़केंगे” “उतने ही सुगन्धित आप स्वंय होंगे…” !! जय राधे !!