Author: statusmsg
-
हे मेरे साँवरे कान्हा
?!!!..हे मेरे साँवरे।।कान्हा..? हमेशा के लिए रख लो ना अपने पास मुझे…!!………? कोई पुछेगा अगर……….? ??????? तो कहे देना की दिल का किरायेदार है………!!? ?!!..बोलो राधे कृष्णा..!!?
-
जब छोड़ चलू मैं इस जग को
जब छोड़ चलू मैं इस जग को, ?श्री कृष्ण नाम की स्वास रहे फिर स्वर्ग मिले या नरक मिले पर दिल में हरी का वास रहे श्री राधा नाम की चादर हो तन पे तजू प्राण तो वृन्दावन धाम रहे छूटे रिश्ते संसार के सब जिह्वा पर राधा नाम रहे…? ? राधे राधे?
-
माना मुझे वृंदावन वास
माना मुझे वृंदावन वास नही मिल सकता ? बिहारी जी?? तो क्या हुआ…… आप मेरे दिल❤ मे समा जाओ ?? ये वृंदावन अपने आप बन जाएगा☺?? जय श्री कृष्ण??
-
क्या क्या देखूं साँवरे
क्या क्या देखूं साँवरे…!! ये कुंडल या ये घुंघराले बाल…!! ये नैन कज़रारे या नैनो की धार…!! होठों की लाली,या कातिल मुस्कान…!! ये मधुर बाँसुरी या,मीठी तान…!! ये सुन्दर नूपुर या टेड़ी चाल…!! ये पीला पिताम्भर या मुकुट विशाल…!! ये चमकता मोर पंख,या तेरा प्यार अपार…!! मुझसे तो तुम्हरे रूप का वर्णन भी नही किया…
-
भरोसा मुझे श्याम का
भरोसा मुझे श्याम का, बिगड़ी मेरी बना देता, जब भी लडखडाऊँ, आके मेरा हाथ थाम लेता, देख रहा है सारा ज़माना, श्याम तेरी मेरी यारी है, मैं तो आया कितनी बार तेरे घर, आजा प्यारे अब तो तेरी बारी है ।।… ??जय श्री श्याम जी??
-
जिदगी का क्या भरोसा
जिदगी का क्या भरोसा, भरोसा सिर्फ “सांवरे” पे होना चाहिए , जब सर पे मुसीबत हो प्यारे, इसके चरणों मे रोना चाहिए , किसी और के आगे क्या रोना, हमदर्दी झूठी दिखाऐँगे , रख एक सहारा ‘सांवरे’ का बस,तुझे आकर गले लगाऐँगे ।।… ??जय श्री कृष्णा जी??
-
थाम लो मुझे श्याम आंखों में
थाम लो मुझे श्याम आंखों में बेहोशी छा रही है , पलको में आंसू ले कर तेरी याद आ रही है , प्यार तो बे पनहा मेरे दिल ने तुमसे किया है हमदम , फिर सजा क्यों मेरी नजरे पा रही है , मेरे दिल के राजा हे श्याम प्यारे अब तो आजा ।।… ??जय…
-
प्रेम कृष्ण से ही करना हैे तो
राधे राधे “प्रेम कृष्ण से ही करना हैे तो, बेहद कीजिए, ❤ ? ❣ ?क्योकी हदें तो सरहदों की होती है, कृष्ण प्रेम की नही…….❤ ❣❣ राधे राधे….❣❣
-
मुर्खो से बहस करना
सुविचार- मुर्खो से बहस करना गाल पर बेठे मच्छर को मारने जैसा है। मच्छर मरे ना मरे पर आपको स्वयं का एक चाँटा,अवश्य लग जायेगा. हरीॐ शुभ प्रभात
-
मेरा भी खाता खोल दो साँवरिया
मेरा भी खाता खोल दो “साँवरिया” अपने दरबार में आता रहूँ वृंदावन निरंतर लेन – देन के व्यापार में । मेरे कर्मो के मूल पर आपके दर्शन का ब्याज लगा देना । जो ना चुका पाऊँ उधार तो अपना सेवादार बना देना ।। जय श्री बांके बिहारी लाल की Զเधे Զเधे