Category: खाटूश्याम भक्ति स्टेटस
-
छू लूँ तुझे या तुझमें
ओ मेरे “साँवरिया” छू लूँ तुझे या तुझमें ही बस जाऊँ लब्ज लिखूँ या खामोश हो जाऊँ करूँ- इश्क या करूँ- मोहब्बत थोड़ा सा तो दिखा प्यार “कान्हा”. जिससे मैं तुझ में ही बस जाऊ राधे राधे जी
-
सुख दुःख जीवन का हिस्सा है
सुख दुःख जीवन का हिस्सा है,हर पल का आनंद उठाओ हर मानव के दर्द को समझो,हर रिश्ते को सहज निभाओ। जीवन आज है इसी क्षण है,दोबारा नहीं मिलनेवाला। रह उदार येही कहती है,श्याम तुम्हारी मधुशाला। ???????
-
सेवा का अंदाज नही
सेवा का अंदाज नही…दिल के भाव देखता है एक मेरा श्याम ही है जो जीत वाले को नही हार वाले को देखता है ?जय श्री श्याम?
-
जब आप पूजा नहीं कर
जब आप पूजा नहीं कर पाए तो यह मत कहो कि वक्त नहीं मिला..! बल्कि यह सोचो कि… ऐसा कौन सा काम किया, जिसकी वजह से.. भगवान ने तुम्हें आज अपने सामने खड़ा करना भी पसंद नहीं किया। ?? जय श्री श्याम ??
-
क्यूँ करना गुमान ये जीवन
क्यूँ करना गुमान ये जीवन अपना है उधार का सबसे ज्यादा हक़ है हमपे खाटू के सरकार का अपना तो खाटूवाला
-
नाचे मन को मोरियो
नाचे मन को मोरियो,,,मस्ती सी चाय है आजा_आजा साँवरा,,,थारी ओळयूँ आवे रे भगत सब झूम जावां रे,,,तेरा गुणगान गांवां रे ❤???जय श्री श्याम???❤
-
श्री श्याम प्रभु के आज खाटूश्याम
श्री श्याम प्रभु के आज “खाटूश्याम जी” से भव्य अलौकिक “मँगला श्रृंगार दर्शन”…??? ?✨…हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा…✨? ??…जय श्री श्याम…?? ??…खाटूश्याम जी दर्शन…??
-
ये बाबा मोर छड़ी वाला
ये बाबा मोर छड़ी वाला मन को लुभावे ये तो सब को भाये ये तो प्रेम बढ़ाये सबसे ये बाबा मोरछड़ी वाला जो भी आये सबको निभाये ये बाबा नीले घोड़े वाला श्याम का रंग नीला पहने पीताम्बर पीला इसका बागा सजीला इसका रूप है नशिला जो भी देखे अपने होश गवाये ऐसा जादू इसने…
-
भगवान द्वारा भक्तों की
◆?•¡!•???•!¡•?◆ ‼8⃣●4⃣●1⃣8⃣‼ वैशाख कृष्णपक्ष रविवार अष्टमी ? ! भगवान द्वारा भक्तों की वाणी को सत्य करना !? ? प्रिया दास जी , नाभाजी के हार्दिक भाव को व्यक्त करते हुए आगे कहते कि चतुर्भुज भगवान चारों युगों में सदा ही अपने भक्तों की वाणी को सत्य करते हैं ।1- श्री भुवन सिंह जी चौहान की…
-
पलकें उठाके साँवरे
पलकें उठाके साँवरे, इक बार देखलो, आँखों से मेरे बह रही, वो धार देखलो ।। दाता तेरे जहान की, रफ्तार है बड़ी, किस्मत हमारी क्यूँ भला, रूठी हुई पड़ी, पिछड़ा हूँ मैं जमाने से, दातार देखलो ।। आँखों से मेरे बह रही, वो धार…. बदला है तूने जीत में, कितनों की हार को, कश्ती हमारी…