Category: कृष्ण भक्ति स्टेटस
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तू ही मंजिल है इस जीवन का
जय हो मेरे बांके बिहारी लाल की ????? ?तू ही मंजिल है इस जीवन का… ?तेरे चरणों में हो बस ठिकाना… मुसाफिर था…मुसाफिर हूँ मैं… ?बस बना रहे तेरे वृन्दावन में आना जाना… ???? ???☘?हरिबोल जय श्री राधे राधे ????
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आँखें भी मेरी पलकों से
?? सुनो…… मेरे बिहारी जू…….. आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं, हर वक़्त आपको ही बस याद करती हैं, जब तक ना कर लें दीदार आपका, तब तक वो आपका इंतज़ार करती हैं। ?? श्री राधे राधे ??? ??????????????????
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दीदार की आग
? मेरे सावारियाँ…. ??दीदार की आग, जब दिल में भड़कने लगती है..! ??तुझे देखने को, मेरी आँखें तरसने लगती हैँ..! ??बादलों के बरसने, का हमें इंतजार नहीं रहता है..! ??तेरी याद में ये आँखें, खुद ही बरसने लगती है…! Jai shree krishna???
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कुछ अनोखा वो मेरे नन्द का लाला निकला
~~~???~~~ कुछ अनोखा वो मेरे नन्द का लाला निकला,,, जिसके उल्फ़त का हर एक रूप निराला निकला..! क्यों न लेते भला वो इसको बड़े शौक के साथ,,, उनकी हमशक्ल मेरा दिल भी तो काला निकला..!! इक नज़र में लूटी कुछ ऐसी मेरे दिल की दुकान,,, हर तरफ़ ख़्वाहिशें दुनिया का ऐसा दिवाला निकला..! अपनी चितवन…
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अखिल कोटि ब्रह्मांड नायक
अखिल कोटि ब्रह्मांड नायक जगद्गुरु, मुरलीधर यदुकुल शिरोमणि यदुवंश के गौरव हमारे आराध्यदेव, मार्गदर्शक, सर्वस्व परमपूज्य बांकेबिहारी द्वारकाधीश श्री कृष्णचन्द्र जी महाराज के अवतरण दिवस “जन्माष्टमी” की आप सभी मित्रों को अनंत हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयां… ???????
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न लम्बी बातें हैं
न लम्बी बातें हैं..न मिसालें हैं..और न ही दलीलें हैं…. बस इतना ही है.. “मेरे कान्हा” “मुझे तुमसे बेपनाह मोहब्बत है.!.” II जय हो मेरे लड्डूगोपाल जी II
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जहाँ से तेरा मन चाहे वहाँ से
???? जहाँ से तेरा मन चाहे वहाँ से मेरी जिंदगी को पढ़ ले कान्हा… पन्ना चाहे कोई भी खुले हर पन्ने पर तेरा ही नाम होगा …. द्वारिकाधीश ?हे द्वारिकाधीश…✍ रंग प्रेम भरा बर्षा करके बर्षों की वियोग ब्यथा हर ले मन मेरा मयूर सा नाच उठे कुछ भावना भाव नया भर दे….. ?♀हे द्वारिकाधीश…
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हे कान्हा तुझे याद करना
????????????।। ? हे कान्हा तुझे याद करना भी ? ? अब दिल का धडकना सा ? ? बन गया है। पता ही नही ? ? जिन्दगी सांसो से चल रही ? ? है या तेरी यादों से । ? ? ????????????।। ?जय श्री राधे Krishna ji? ? ?
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एक तेरा ही रंग चढा है मुझपे
एक तेरा ही रंग चढा है मुझपे… दूजा कोई रंग नहीं, तूँ ही हैं सुबह शाम मुझ में…… और कोई सँग नहीं..! तुम आओ न आओ मेरे कान्हा , मैं तुम्हें यूहीं बुलाया करूँ … तुम सुनो न सुनो मेरे कान्हा मैं तुम्हें यूहीं पुकारा करूँ …… तुम मिलो न मिलो मेरे कान्हा मैं तुम्हें…
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जहाँ बेचैन को चैन मिले वो घर तेरा
हे कान्हा …….. “जहाँ बेचैन को चैन मिले वो घर तेरा वृन्दावन है… …. जहां आत्मा को परमात्मा मिले वो दर तेरा वृन्दावन है….. मेरी रूह तो प्यासी थी, प्यासी है तेरे लिए सांवरिया…. जहां इस रूह को जन्नत मिले वो स्थान ही मेरा श्री वृन्दावन है…… जय श्री कृष्णा राधे राधे जी