Category: कृष्ण भक्ति स्टेटस
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काश ऐसी बारिश आए
*???जय श्री कृष्ण???*??? *” काश ऐसी बारिश आए “* *जिसमें* *अहम डूब जाए* *मतभेद के किले ढह जाएं* *घमंड चूर चूर हो जाए* *गुस्से के पहाड़ पिघल जाए* *नफरत हमेशा के लिए दफ़न हो जाए* *और हम सब” मैं ” से ” हम ” हो जाए ।*
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दुखो की धूप में तू छांव बनकर आया है
कान्हा………… दुखो की धूप में तू छांव बनकर आया है…… मेरी हर तकलीफ को तूने हर बार अपनाया है…….. कैसे करूँ तेरा शुक्रिया मेरे कान्हा……… तूने ही तो मुझ जैसे कंकर को हीरा बनाया है……… जय श्री राधे राधे जी ?♻??♻??♻??♻?
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कर सितम कितना भी मुझ पर
??कर सितम कितना भी मुझ पर धड़कन तेरे नाम की होगी, ख्वाइश तो अधुरी है बहुत सी मगर,?? कृष्णा आखरी ख्वाइश तेरे दीदार की होगी???????????????? राधे राधे???♀॥ ॥?जय श्री राधे कृष्णा ??॥ ?ी ?
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न जिद है न कोई गुरूर है मुझे
मेरे श्याम न जिद है न कोई गुरूर है मुझे… बस तुम्हें पाने का सुरूर है मुझे. अगर इश्क़-ए-गुनाह है ये… तो हाँ, गलती की है मैंने साँवरे. सजा जो भी हो मंजूर है मुझे…!! *? जय श्री कृष्ण ?*
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मेरे ख्वाबों में आना आपका कसूर नहीं था
मेरे ख्वाबों में आना आपका कसूर नहीं था कान्हा ❤ आपसे दिल लगाना हमारा कसूर नहीं था? आप आये थे ज़िन्दगी में पल दो पल के लिए कान्हा? आपको ज़िन्दगी समझ लेना हमारा कसूर नहीं था कान्हा? राधेकृष्णा ????????
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बादलों से कह दो जरा सोच समझ के बरसे
☁बादलों से कह दो,,,, जरा सोच समझ के बरसे….!☔ ? अगर हमें कान्हा ❤ जी की याद आ गई,,, तो मुकाबला बराबरी का होगा….! ⛅ जय श्री कृष्णा। ?
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क्या छवि है सांवरे प्रीतम की
??????????????? क्या छवि है सांवरे प्रीतम की, चित जात चला हटके हटके। वनमाल की सुंदर लटकन पे, ऋतु राज फिरे भटके भटके। मुख चन्द्र कला पे बलिहारी, शत चन्द्र फिरे भटके भटके। अधरा म्रत प्याला छलका दो, हम पिया करें गटके गटके।। ???????????????? ?राधे कृष्णा ? ????
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कृष्ण नाम की चाबी ऐसी
” कृष्ण” नाम की चाबी ऐसी हर ताले को खोल दे काम बनेंगे उसके सारे जो एक बार “राधे कृष्णा” बोले दे ??जय श्री कृष्णा??
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तीर्थ करने के लिए
??ॐ?? तीर्थ करने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। सबसे अच्छा और बड़ा तीर्थ आपका अपना मन है, जिसे विशेष रूप से शुद्ध किया गया हो। ??जय श्री कृष्णा??
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आओ किसी शाम मुझे टूट के बिखरता देखो
हे प्यारे ….. आओ किसी शाम मुझे टूट के बिखरता देखो। मेरी रगों में जहर जुदाई का उतरता देखो, किस किस अदा से तुझे मांगा है तुझी से। आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो मेरे गोविंद!….