Category: राधा कृष्ण स्टेटस
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भूल गयी मैं केशव खुद को
????????? भूल गयी मैं केशव खुद को,इन कुंज गलियों में, आस तेरे मिलन की है ,इन कुंज गलियों में.. कान्हा बिन राधा,राधा बिन कान्हा अधूरा हैं, अँखियाँ तरसे मिलन को,इन कुंज गलियों में. हृदय में बसे मनोहर,ढूंढू फिर भी इत्त-उत, ढूंढे हैं सब सखियां भी, इन कुंज गलियों में. आ जाओ श्याम अब,नाता ना किसी…
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कुछ ऐसे बंधन होते हैं
कुछ ऐसे बंधन होते हैं जो बिन बाँधे बँध जाते हैं जो बिन बाँधे बँध जाते हैं वो जीवन भर तड़पाते हैं, जाने ये कैसा नाता है जो बिन जोड़े जुड़ जाता है, इक दिन मन का पागल पंछी बिन पंख लगे उड़ जाता है। ?जय श्री राधे राधे?
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तेरी नशे वाली आँखों का
#साँवरे….गिरधारी … तेरी नशे वाली आँखों का बड़ा नाम हैं, आज नजरों से पिला दो हम तो वैसे भी बदनाम है…!! ??राधे राधे??
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बोल उठती है तस्वीर भी
? सुप्रभात ? *बोल उठती है तस्वीर भी…? मन से बुला कर देखिये? दिल की बात ज़रा प्रभु को? सुना कर देखिये? देते है वो सबकी बातों का जवाब? दुःख अपने दिल का उनको? बता कर देखिये…..? होगा इक रोज़ तुमको भी? किस्मत पे अपनी नाज़? *चरणों में उनके सिर को झुका कर देखिये.? ?!!…
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गुजरते लम्हों में सदियाँ तलाश करती हूँ
??राधे?? गुजरते लम्हों में सदियाँ तलाश करती हूँ, प्यास इतनी है कि नदियाँ तलाश करती हूँ, यहाँ पर लोग गिनाते है खूबियां अपनी, मैं अपने आप में कमियाँ तलाश करती हूँ। ???राधे राधे ???
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हटती नहीं नजर मेरी क्यूं
?? हे कन्हैया …??? हटती नहीं नजर मेरी क्यूं तेरी तस्वीर से शिकवा रहा ना अब कोई जाने क्यूं तकदीर से.. हुआ है इश्क तुमसे यही मेरी जिन्दगी है तुम्हें चाहना और बस चाहना यही मेरी बंदगी है.. ?? राधे राधे जी??
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रस भरी लीला मधुर युगल की
?????????? रस भरी लीला मधुर युगल की रस भरो रूप रस भरो नाम रस भरो तुम्हारो श्री वृँदावन सकल शिरोमणी रसमय धाम रस भरी चितवन इन नैनन की बोलनि हँसन सरस अभिराम केलि मंजरी सिंधु युगल वर उठत तरंगे ललित ललाम⚡ ?जय श्री राधे श्याम ? ??????????
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आँखों के इशारे समझ नहीं पाते
?हे राधे.? ?आँखों के इशारे समझ नहीं पाते!? ?होठों से दिल की बात कह नहीं पाते!!? ?अपनी बेबसी हम किस तरह कहे? ?कोई है जिसके बिना हम रह नहीं पाते!!? ?कान्हा?
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तेरे मिलने से यकीनन
राधे राधे???? #तेरे मिलने से #यकीनन्,,,,,कुछ ऐसी बात हो गई #कुछ भी नहीं था पास मेरे #और जिंदगी से मुलाकात हो गई … राधै राधै शुभ प्रभात ??☘???????????⚘????????????
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पात पात पर राधिका कण कण पर घनश्याम
“”पात-पात पर राधिका ,कण-कण पर घनश्याम। अंकित है जिस भूमि पर, वह श्री वृन्दावन धाम।। मनमोहन की मोहिनी , राधेजू का रास। नहीं मिलेंगे स्वर्ग में , है केवल ब्रज के पास”” ??राधे राधे जी???????