Category: शुभ संध्या / शुभ रात्री
-
आनंद लूट ले बन्दे
????????? आनंद लूट ले बन्दे, प्रभु की बन्दगी का। ना जाने कब छूट जाये, साथ जिन्दगी का।। “ईश्वर से मेरी एक ही प्रार्थना है.. “महंगी घड़ी” सबको दे देना ! लेकिन….. “मुश्किल घड़ी” किसी को न देना.” ?शुभ संध्या जी ?
-
हमारी उपलब्धियों में दूसरों का भी योगदान
शुभ सध्या जी हमारी उपलब्धियों में दूसरों का भी योगदान होता है क्योंकि समन्दर में भले ही पानी अपार है पर सच तो यही है कि वो नदियों उधार होता है ?कान्हा मेरी जिंदगी?
-
ख़ुशी जल्दी में थी
????????? ख़ुशी जल्दी में थी रुकी नहीं, ग़म फुरसत में थे ठहर गए! लोगों की नज़रों में फर्क अब भी नहीं है पहले मुड़ कर देखते थे अब देख कर मुड़ जाते हैं आज परछाई से पूछ ही लिया क्यों चलती हो , मेरे साथ उसने भी हँसके कहा- दूसरा कौन है तेरे साथ ?????????
-
बस चाहत है इतनी सी मेरी
????????? बस चाहत है इतनी सी मेरी , मेरी धड़कन तेरे दिल से जुड़ी रहे…!!! जो गुजरती है तेरे साथ मोहब्बत की रात , वैसी रात हर रात बनी रहे…!!! ????????? जय श्री कृष्णा शुभ रात्रि ????????? ?????????
-
धर्म की सबसे सरल व्याख्या
“धर्म” की सबसे सरल व्याख्या किसी भी आत्मा को हमारी वजह से दुःख ना पहुँचे, यही धर्म है.. रिश्तो में झुकना कोई अजीब बात नहीं, सूरज भी तो ढल जाता है, चाँद के लिए !! ?????????
-
एक दिन उम्र ने तलाशी ली
एक दिन उम्र ने तलाशी ली, तो जेब से लम्हे बरामद हुए कुछ ग़म के थे,_ कुछ नम से थे,_ कुछ टूटे हुए थे,_ जो सही सलामत मिले.. वो बचपन के थे..!!
-
सलीक़े से हवाओं में जो ख़ुशबू घोल देते हैं
सलीक़े से हवाओं में ….. जो ख़ुशबू घोल देते हैं अभी भी कुछ लोग बाक़ी हैं …. जो मीठा बोल लेते हैं??? ????????????
-
किसी ने हमसे पूछा कि तुम्हारा कान्हा
किसी ने हमसे पूछा कि तुम्हारा कान्हा तो महल और मंजिल में रहता है मैंने कहा नहीं मेरे कान्हा तो भाव के भूखे हे जो मेरे ?दिल में रहते हैं शुभ संध्या वंदन. जय श्री राधे कृष्ण. ?????????
-
अच्छी यादें आपकी आखों में तभी नमीं लाती है
अच्छी यादें.. आपकी आखों में तभी नमीं लाती है जब आपको ये ऐहसास हो की आप उन लम्हों को दुबारा नहीं जी सकते ??
-
जब रुक-रुक के हिंचकियां आएं न
जब रुक-रुक के हिंचकियां आएं न, ???????? तो समझना…☺ ???????? हम छुप-छुप के याद कर रहे है तुम्हें..?? जय श्री श्याम ,,,शुभ संध्या जी