Category: शुभ संध्या / शुभ रात्री
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दुनिया की सारी चीजें ठोकर खाने
दुनिया की सारी चीजें ठोकर खाने पर टूट जाती है लेकिन एक कामयाबी ही ऐसी चीज है जो ठोकर खाने पर ही मिलती है इसलिए जीवन में निरंतर प्रयास करते रहे ??? जय श्री राधे कृष्णा???. ?शुभ रात्रि जी
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कश्तिया उन्ही की डूबती है
जय श्री राधे कृष्णा जी कश्तिया उन्ही की डूबती है .. जिनके ईमान डगमगाते हैं !! जिनके दिल में नेकी होती है .. उनके आगे मंजिले भी सर झुकाती है !! इंसान अपना वो चेहरा तो खूब सजाता है जिस पर लोगों की नज़र होती है मगर आत्मा को सजाने की कोशिश कोई नही करता…
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अंतरमन में संघर्ष
अंतरमन में संघर्ष और फिर भी मुस्कुराता हुआ चेहरा , यही जीवन का श्रेष्ठ अभिनय है….?????
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अगर हमें सदा यह याद रहे
*अगर हमें सदा यह याद रहे, कि हम इस दुनिया में एक मेहमान की तरह हैं, एक दिन हमें सब छोड़ वापस जाना है, तो एक दूसरे से सारी शिकायतें तो समाप्त हो ही जायेंगी, और हमारा झूठा अहंकार भी नष्ट हो जायेगा।? ??????????????
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जीवन में धर्म की आवश्यकता है
जय क्षैत्रपाल बाबा की जीवन में धर्म की आवश्यकता है, धन की आवश्यकता है, मकान और मित्रों की आवश्यकता है तथा शत्रुओं की भी आवश्यकता है। जिसके जीवन में कोई शत्रु नहीं वह अभागा है। जिसके जीवन में कोई विरोध नहीं वह उन्नति से वंचित रह जाता है। अनुकूलता में विलास जगता है और प्रतिकूलता…
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सब अपने जैसे ही लगते है
*??सब अपने जैसे ही लगते है, इस जहाँ में………माधो,* *लेकिन फिर भी न जाने क्यों सिर्फ … ओर सिर्फ तुम ही अपने लगते हो….. मेरे माधो !!??शुभ संध्या…!*..