Category: शुभ संध्या / शुभ रात्री
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हित चाहने वाला पराया भी अपना है
हित चाहने वाला पराया भी अपना है और अहित करने वाला अपना भी पराया है रोग अपनी देह में पैदा होकर भी हानि पहुंचाता है और औषधि वन में पैदा होकर भी हमारा लाभ ही करती है। शुभ रात्री
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आधा चांद आधा इश्क
आधा चांद, आधा इश्क, आधी सी है बंदगी, मेरे हो और मेरे नहीं, कैसी है यह जिंदगी, जय श्री राधे कृष्णा…. शुभ रात्रि???
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सम्बन्ध और जल एक समान होते है
सम्बन्ध और जल एक समान होते है, न कोई रंग, न कोई रूप, पर फिर भी जीवन के अस्तित्व के लिए, सबसे महत्वपूर्ण है, ??शुभ रात्रि??
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मुश्किल वक़्त का सबसे बड़ा सहारा है
मुश्किल वक़्त का सबसे बड़ा सहारा है, “उम्मीद” जो एक प्यारी सी, मुस्कान देकर कानों में धीरे से कहती है, “सब अच्छा होगा।” ??शुभ रात्रि??
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एक दिन शिकायत हमें समय
एक दिन शिकायत हमें “समय”, और “संसार”से से नही, “स्वयं” से होगी कि, ज़िंदगी सामने थी, और हम “संसार” में उलझे रहे, इसीलिए समय का दुर उपयोग ना करे। ??शुभ रात्रि??
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वक़्त और समझ दोनों एक साथ
” वक़्त ” और ” समझ ” दोनों एक साथ, खुश किस्मत लोगों को ही मिलते हैं, क्योकि अक्सर वक़्त पे समझ नहीं होती, और समझ आने तक वक़्त नहीं रहता, इसीलिए वक्त रहते समझ जाये, ??जय श्री महांकाल?? ??शुभ रात्रि??
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भरोसा जीता जाता है माँगा नहीं जाता है
भरोसा जीता जाता है माँगा नहीं जाता है, ये वो दौलत है जो कि पाया जाता है कमाया नहीं जाता। लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें, लेकिन यह भी सत्य है, कि उनमें से अधिकाँश यह नहीं चाहते, कि आप उनसे बेहतर करें। हँसते रहिये मुसकुराते रहिये, और प्रेम से बोले राधे राधे, ??शुभ…
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शब्द ही जीवन को
“शब्द” ही जीवन को “अर्थ” दे जाते है, और, “शब्द” ही जीवन में “अनर्थ” कर जाते है. इसीलिए जो भी बोले, सोच समझकर बोले, प्रेम से बोले राधे राधे ??शुभ रात्रि??
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कौन कहता हैं कि दूरियां हमेशा
कौन कहता हैं कि दूरियां हमेशा किलोमीटरों में नापी जाती हैं कभी कभी ख़ुद से मिलने में भी * जिन्दगी गुजर जाती हैं* ??शुभ रात्रि??
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भक्त के जीवन में दो ही शब्द हैं
भक्त के जीवन में दो ही शब्द हैं एक है “हरि कृपा”। और दूसरा है “हरि इच्छा”। यदि अपने मन के अनुकूल है तो समझ लीजिए कि “हरि-कृपा” और जब मन के अनुकूल न हो तो “हरि-इच्छा” .. जय श्री कृष्ण ???? शुभ रात्रि जी???