Category: शुभ संध्या / शुभ रात्री
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तुमने वादा तो किया था ख्वाब में मिलने का
तुमने वादा तो किया था ख्वाब में मिलने का……. ये हमारी बदनसीबी कि हमें नींद ही नहीं आयी……..!! नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे, और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में!! परछाई आपकी हमारे दिल में है, यादे आपकी हमारी आँखों में है , कैसे भुलाये हम आपको, प्यार आपका हमारी साँसों में…
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तेरी मोहब्बत में सावरे
‼??जय श्री राधे कृष्णा ??‼ तेरी मोहब्बत में सावरे एक बात सीखी है तेरी भक्ती के बिना ये सारी दुनिया फीकी है। तेरा दर ढूढ़ते ढूढ़ते जिंदगी की शाम हो गई, जब तेरा दर देखा सावरे तो जिंदगी ही तेरे नाम हो गई !! ??जय श्री राधे कृष्णा ??!! ???शुभ संध्या वंदन ???
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मेरी जिंदगी के मालिक
मेरी जिंदगी के मालिक, अपनी शरण मे रखना..। मै हो गया तेरा, अपना बना के रखना…। जब मोह ने घेरा, तब तेरी याद आई..। घनघोर था अंधेरा, तुने किरण दिखाई…। मेरी जिंदगी कि राह पे ज्योत जगा के रखना..।* मेरी जिंदगी के मालिक अपनी शरण मे रखना…। ? श्री राधे राधे ? ??शुभ रात्रि??
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अच्छे लोगों का स्वभाव गिनती
?? ?? ” अच्छे लोगों का स्वभाव गिनती के ” शून्य ” की तरह होता है ……. ” लोगों की नजर में भले ही उसका ” मूल्य ” कुछ भी नहीं होता …….. लेकिन वो जिनके साथ होते हैं उनकी ” कीमत ” बढ़ा देते हैं ?????शुभ रात्रि?????
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सूरत देखी तेरी तो
?मेरे साँवरिया? सूरत देखी तेरी तो जादू सा छा गया……………… मुस्कुराना तेरा “श्याम” गजब सा ढा गया……………… नजर से नजर “श्याम” तुमसे जो मिलाई………………. तुझे दिल मे बसाने का बस मजा आ गया……………….. ?जय श्री राधे राधे जी? ?कान्हा रात्रि मंगलम?
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हँसते हुये चेहरों का अर्थ ये नही कि
हँसते हुये चेहरों का अर्थ ये नही कि उनके जीवन मै दुख नहीं है, बल्कि ईश्वर ने उनको परिस्थितियों को सँभालने की क्षमता प्रदान की है । ??शुभ संध्या??
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विचार एक जल की तरह है
☂?☂जय श्री राधे कृष्णा ☂?☂ “विचार” एक “जल” की तरह है, आप उसमें “गंदगी” मिला दो तो वह “नाला” बन जाऐगा, अगर उसमें “सुगंध” मिला दो तो वह “गंगाजल” बन जाऐगा कभी घमंड न करना जिन्दगी मे तकदीर बदलती रहती है,ilil शीशा वही रहता है, बस तस्वीर बदलती रहती है!!! सदैव प्रसन्न रहें और हँसते…
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याद रखना सरल व्यक्ति
?☕सुमधुर संध्या वंदन जी☕? ?? जय श्री राधे कृष्णा जी ?? याद रखना सरल व्यक्ति के साथ किया गया छलकपट, आपकी बर्बादी के सभी द्वार खोल देता है . चाहे आप कितने भी बड़े शतरंज के खिलाड़ी क्यो न हों समय सबसे बलवान है ?? !! राधे राधे जी? !!??
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इन्सान मायुस इसलिए होता है
“इन्सान मायुस इसलिए होता है, क्योंकि वह परमात्मा को राजी करने के बजाय लोगों को राजी करने में लगा रहता है, इन्सान यह भूल जाता है, कि रब राजी तो सब राजी।” ?☘? शुभ संध्या ?☘?
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अहंकार दिखाकर किसी रिश्ते को
अहंकार” दिखाकर किसी रिश्ते को तोड़ने से कहीं अच्छा है कि, “क्षमा” मांगकर उस रिश्ते को निभाया जाये। केवल “रोजी रोटी” कमाना ही हुनर की बात नही है…. बल्कि परिवार के साथ “राजी राजी रोटी” खाना, भी बहुत बड़ा हुनर है..!! श्रीकृष्ण भगवान कहते हैं :- कभी किसी के चहरे को मत देखो बल्कि उसके…