Category: सुप्रभात स्टेटस
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जीवन में अगर खुश रहना है तो
जीवन में अगर ‘खुश’ रहना है तो, स्वयं को एक ‘शांत सरोवर’ की तरह बनाए….. जिसमें कोई ‘अंगारा’ भी फेंके तो… खुद बख़ुद ठंडा हो जाए…..!!!! ? सुप्रभात? ?⛳जय श्री राम ⛳
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समस्या आने पर न्याय नहीं
……✍??विचार-पुष्प? समस्या आने पर न्याय नहीं समाधान होना चाहिये, क्यों कि न्याय में एक के घर दीप जलते है, और दूसरे के घर अँधेरा होता है मगर समाधान में, दोनों के घर दीप जलते हैं…. ????????? ??सुप्रभात?? ???जय श्री महाँकाल??? ☘?☘?☘?☘?☘
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मन ऐसा रखो कि
मन ऐसा रखो कि किसी को बुरा न लगे ।? ? दिल ऐसा रखो कि किसी को दुःखी न करें। रिश्ता ऐसा रखो कि उसका अंत न हो ? कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नही आता.. हमारा व्यवहार और शब्द ही लोगो को मित्र और शत्रु बनाते है.. ? *सुप्रभात…
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न मैं गिरा और न मेरी
“न मैं गिरा,और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे..! पर.. लोग मुझे गिराने मे कई बार गिरे…!!” सवाल जहर का नहीं था वो तो मैं पी गया, तकलीफ लोगों को तब हुई, *जब मैं फिर भी जी गया. जब कोई “हाथ” और“साथ” दोनों ही छोड़ देता है, तब “कुदरत” कोई न कोई उंगली पकड़ने वाला…
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रंग बिरंगे फूलों में सजे हो श्याम
रंग बिरंगे फूलों में सजे हो श्याम क्या खूब छटा बिखेर रहे हो… प्यारी प्यारी मुस्कान से बाबा सब का दिल तुम मोह रहे हो…!!! ??जय जय श्री श्याम?? ????सुप्रभात प्रेमियों???? ??????????
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खोई चीज अक्सर वहीं मिल जाती है
खोई चीज अक्सर वहीं मिल जाती है, जहाँ वो खोई है, पर विश्वास वहीं नहीं मिलता, जहाँ पर खोया गया था !! ??शुभप्रभात??
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प्रेम से कहे हुए शब्द मन में बरसों
जय श्री राधे क्रष्ण…… “प्रेम से कहे हुए शब्द मन में बरसों से जमी बर्फ़ पिघला सकते हैं…!!!” सुप्रभात… आपका दिन शुभ हो…
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यह मेरा है वह उसका है जैसे विचार
?? जय श्री कृष्णा?? यह मेरा है, वह उसका है जैसे विचार केवल संकुचित मस्तिष्क वाले लोग ही सोचते हैं। विस्तृत मस्तिष्क वाले लोगों के विचार से तो वसुधा एक कुटुम्ब है। ?? शुभ प्रभात ,आप सभी परिजनों का दिन मंगलमय हो ,आप सभी स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें।।??
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बेहतर से बेहतर की तलाश करो
बेहतर से बेहतर की तलाश करो मिल जाये नदी तो समंदर की तलाश करो, टूट जाता है शीशा पत्थर की चोट से टूट जाये पत्थर ऐसा शीशा_तलाश करो…. Good morning ?????????
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मनुष्य का हृदय कभी भी
मनुष्य का हृदय कभी भी भरा नहीं जा सकता? धन से, पद से, ज्ञान से-किसी से भी भरो, वह खाली ही रहेगा। क्योंकि इन चीजों से भरने के लिए वह बना ही नहीं है। मनुष्य जितना पाता है, उतना ही दरिद्र होता जाता है। हृदय की इच्छाएं कुछ भी पाकर शांत नहीं होती हैं। क्यों?…