Mindblown: a blog about philosophy.
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सुख हो दुःख हो अगर साथ
सुख हो, दुःख हो, अगर साथ वो, फर्क नहीं पड़नेवाला, सारे खेल की वो धुरी है, वो ही प्रारब्ध घड़नेवाला। हम केवल उसकी कठपुतली, वो नित खेल रचानेवाला, सांस सांस गंगा सी बहती, श्याम तुम्हारी मधुशाला।??Զเधे_Զเधे?? ??सुप्रभात_जी ??
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हम इस कदर आपके चेहरे के दीदार
हे मेरे श्याम हम इस कदर आपके चेहरे के दीदार में खो जाते हैं, जैसे बच्चे भरे बाजार में खो जाते हैं ।। ?जय श्री श्याम?
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हे मेरे सांवरे तेरा कोई जबाब
????????????।। हे मेरे सांवरे तेरा कोई जबाब नही तू करु।। किसकी झोली कितनी भर दे कोई ।। हिसाब नही खडी हूं तेरे द्वारे ।। सांवरे बस तेरे सहारे के ।। लिए तू दे दे मुझे ।। सहारा मुझे ।। दुनिया की ।। दरकार।। नही ।। ????????????।। जय श्री राधे क्रष्ण सुप्रभात
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खुशी उनको नहीं मिलती
खुशी उनको नहीं मिलती.. जो अपनी शर्तों पे, जीवन जिया करते हैं! असली ख़ुशी तो उनको मिलती है.. जो दुसरों की ख़ुशी के लिए, अपनी शर्तों को बदल दिया करते हैं!! राधे राधे?????
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काश तेरे दरबार में
साँवरिया……… काश तेरे दरबार में इस तरह नीलाम हो जाऊं, कि आखिरी बोली तेरी हो और मैं तेरे नाम हो जाऊं !! II जय हो मेरे बाल गोपाल II ???जय श्री कृष्णा???
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किसी ने धन किसी ने दौलत
?सुनो कृष्ण !?? ?किसी ने धन किसी ने दौलत! किसी ने अच्छा सा व्यापार माँगा है!! ?मेरी तो जिंदगी तुम हो मेरे प्यारे कृष्ण मैंने सबसे महँगा तेरा प्यार माँगा है!! ?मेरे तरफ से सबको प्यार भरा , जय श्री राधेकृष्णा..
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कभी कभी ठोकरें भी
????? ❝कभी कभी ठोकरें भी अच्छी होती हैं..! एक तो रास्ते की रुकावटों का पता चलता है..! और दूसरा संभालने वाले हाथ किसके हैं..! ये भी पता चलता है..!❞ “”सदा मुस्कुराते रहिये”” “” सुप्रभात””?
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फ़िक्र से आज़ाद थे
फ़िक्र से आज़ाद थे और खुशियाँ इक़ट्ठी होती थीं..। वो भी क्या दिन थे, जब अपनी भी गर्मियों की छुट्टियां होती थी जय श्री राम
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सार्वजनिक रूप से की गई
. ? विचार पुष्प ? सार्वजनिक रूप से की गई आलोचना अपमान में बदल जाती है ओर एकान्त में बताने पर सलाह बन जाती है। हम समझते कम ओर समझाते ज्यादा है। इसीलिए सुलझते कम उलझते ज्यादा है।। ? Good morning ?
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आप जो चाहें वह कर सकते
“आप जो चाहें वह कर सकते हैं। आप इस अनंत ब्रह्मांड की तरह ही अनंत संभावनाओं से परिपूर्ण हैं…!!!” सुप्रभात…??
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