Mindblown: a blog about philosophy.
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कृष्णानन्द प्रदायिनी कृष्णप्रेम तरंगिणी
जय श्री कृष्ण ? कृष्णानन्द प्रदायिनी , कृष्णप्रेम तरंगिणी , कृष्णस्याह्लादिनी , श्री अलबेली सरकार की अमृतमयी कृपा से श्री राधे महारानी का आप श्री छिन छिन पलछिन सतत स्मरण वंदन चिंतन मनन किया करें , इसी मंगल कामना के साथ रसरसीला सुप्रभात . राधे राधे . जय जय श्री राधे . ????????
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तारीफ किये बिना कोई
कड़वा सच तारीफ किये बिना कोई खुश होता नहीं । और झूठ बोले बिना किसी की तारीफ होती नहीं । ? GOOD MORNING ?
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कड़वा है फीका है
“कड़वा है, फीका है, शिकवा क्या कीजिए.. जीवन समझौता है, घूँट – घूँट पीजिये.. ?? Jai sri Shayam ??
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दोस्तो से संबंध रखा करो तबियत मस्त रहेगी
दोस्तो से संबंध रखा करो तबियत मस्त रहेगी ये वो वैद्य हैं जो शब्दों से इलाज कर दिया करते हैं…..
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श्रेष्ठता का आधार कोई ऊँचे आसन
श्रेष्ठता का आधार कोई ऊँचे आसन पर बेठना नही होता, श्रेष्ठता का आधार हमारी ऊँची सोच पर निर्भर करता है। ? शुभ प्रभात?
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हरि हरि छांडके दूसरी न कीजे बात
हरि हरि छांडके दूसरी न कीजे बात। एक एक घड़ी करोड़न की जात है।। घड़ी पल दिन खोय फेरहू न आवे सोय क्षणभंगुर देह ताकी मरणसी घातहै।। हरि को संभार तु बकवो बिसार डार तज अमृत विष काहे को तू खात है।। कहे हरिदास श्वासं को विश्वास नहीं एक एक घड़ी में निकस निकस जात…
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होती है आरती बजते हैं शंख
होती है आरती, बजते हैं शंख, पूजा में सब खोये हैं, मंदिर के बाहर तो देखो, भूखे बच्चे सोये हैं, एक निवाला इनको देना, प्रसाद मुझे चढ़ जायेगा, मेरे दर पर मांगने वाले, तुझे बिन मांगे सब मिल जायेगा।। ।। जय श्री श्याम।।
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धर्म की सबसे सरल व्याख्या
“धर्म” की सबसे सरल व्याख्या किसी भी आत्मा को हमारी वजह से दुःख ना पहुँचे, यही धर्म है.. रिश्तो में झुकना कोई अजीब बात नहीं, सूरज भी तो ढल जाता है, चाँद के लिए !! ?????????
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बिना हक का जब लेने का मन होता है
बिना हक का जब लेने का मन होता है वहाँ,महाभारत, की शुरुआत होती है ,,,, जब अपने हक का भी छोड़ देने का मन होता है *वहां ,रामायण, की शुरुआत होती है ,,,,
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तेरे सिवा कोई नही है मेरा इस ज़िन्दगी में
साँवरे …!!!! तेरे सिवा कोई नही है मेरा इस ज़िन्दगी में शायद इसी बात का फायदा उठाया है तूने ?????? Radhe Radhe g
Got any book recommendations?