Mindblown: a blog about philosophy.
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इतनी दौलत दे मुझे बाबा जो तेरी सेवा
इतनी दौलत दे मुझे बाबा, जो तेरी सेवा में लुटाता रहूँ । खुद भी खाटू आता रहूँ और, तेरे प्रेमियों को भी संग लाता रहूँ ।। ????जय श्री श्याम जी ????
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सेवा का अंदाज नही दिल के भाव देखता है
सेवा का अंदाज नही…दिल के भाव देखता है एक मेरा श्याम ही है जो जीत वाले को नही हार वाले को देखता है जय श्री श्याम मेरी पहचान मेरा खाटूवाला श्याम
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क्यूँ हम तेरे ख्यालों में
~~साँवरे… ~क्यूँ हम तेरे ख्यालों में …. खो जाते हैं…. ~~एक पल की दूरी में रो जाते हैं…… ~~कोई हमें इतना तो बता दो हम ही ऐसे हैं…… ~या तुमसे प्यार करने के बाद सब ऐसे हो जाते हैं..मेरे साँवरे..!!!
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किसी ने सुबह लिख दिया किसी
कान्हा किसी ने सुबह लिख दिया किसी ने शाम लिख दिया तेरे प्यार पर लोगों ने पैगाम लिख दिया, मैं नही हूँ कुछ लिखने के काबिल प्यारे इसीलिए मैंने अपना जीवन ही तेरे नाम लिख दिया.! ~ दिल से बोलो जी राधे राधे ~
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बोली लगे जब प्रियतम मेरी
?मेरे कान्हा जी ? बोली लगे ..जब प्रियतम मेरी… ना कोई मेरा चाहने वाला हो… पहली भी तेरी बोली हो.. आख़िरी भी द़ाव तुम्हारा हो… ?जय श्री राधे ?
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जब रुक रुक के हिंचकियां आएं न
,,हे,,साँवरे ,,,, जब रुक-रुक के हिंचकियां आएं न, ???????? तो समझना…☺ ???????? हम छुप-छुप के याद कर रहे है तुम्हें..?? जय श्री श्याम ,,,शुभ संध्या जी
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कान्हा कुछ रिश्ते बहुत रूहानी होते हैं
कान्हाः कुछ रिश्ते….. बहुत रूहानी होते हैं….!! ???????? अपनेपन का….. शोर नहीं मचाया करते…राधे राधे??????????????????
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मिल गई थी इसमें एक बूंद तेरे इश्क की
जय श्री कृष्ण मिल गई थी इसमें एक बूंद तेरे इश्क की…. मेरे सांवरिया… इसलिए मैंने जिंदगी की सारी कड़वाहट पीली….? ? श्री राधे राधे ?
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इस शब्द में कोई मात्रा नही है
●|● अकड़ ●|● इस शब्द में कोई ‘ मात्रा ‘ नही है फिर भी अलग अलग ‘ मात्रा ‘ में सबके पास पायी जाती है मंगलवार की राम राम जी
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नित नहाने हरि मिलें
नित नहाने हरि मिलें, तो जल जन्तु होई। फल मूल खाकर हरि मिलें, तो बहुत बादुर बदराई॥ तृण खाकर हरि मिलें, तो बहुत मृगी अजा। स्त्री छोड़कर हरि मिलें, तो बहुत रहे हैं खोजा॥ दूध पीकर हरि मिलें, तो बहु वत्स बाला। मीरा कहे बिना प्रेम से, नहिं मिले नन्दलाला॥ ??????
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