Mindblown: a blog about philosophy.

  • विचार अगर अच्छे है तो अपना

    विचार अगर अच्छे है तो अपना मन-ही मंदिर है,, आचरण अगर अच्छा है तो अपना तन-ही मंदिर है,, व्यवहार अगर अच्छा है तो अपना धन-ही मंदिर है,, और यह तीनों अगर अच्छे है,, तो.. अपना जीवन-ही मंदिर है। ??श्री राधे जी !!!??

  • भक्त के जीवन में दो ही शब्द हैं

    भक्त के जीवन में दो ही शब्द हैं एक है “हरि कृपा”। और दूसरा है “हरि इच्छा”। यदि अपने मन के अनुकूल है तो समझ लीजिए कि “हरि-कृपा” और जब मन के अनुकूल न हो तो “हरि-इच्छा” .. जय श्री कृष्ण ???? शुभ रात्रि जी???

  • तुमने वादा तो किया था ख्वाब में मिलने का

    तुमने वादा तो किया था ख्वाब में मिलने का……. ये हमारी बदनसीबी कि हमें नींद ही नहीं आयी……..!! नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे, और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में!! परछाई आपकी हमारे दिल में है, यादे आपकी हमारी आँखों में है , कैसे भुलाये हम आपको, प्यार आपका हमारी साँसों में…

  • मन की संतुष्टी के लिए

    ?????????☘ मन की संतुष्टी के लिए अच्छे काम करते रहना चाहिए लोग चाहें तारीफ करें न करें कमियां तो लोग भगवान में भी तलाशते रहते हैं। ??☘??☘??☘??☘??☘ ???☘श्री राधे कृष्णा☘???

  • हम कृष्णा प्रेमी है ये शान से कहते है

    हम * कृष्णा प्रेमी * है , ये शान से कहते है , दिनरात ,, कान्हा ‘ के मस्ती में रहते है , मिलजाये अगर कोई *कृष्णा प्रेमी * तो न हेलो न हाय करते है … .कान्हा को याद करके …. राधे राधे कहते है ???? राधे राधे ?????

  • कान्हा मेरा कुछ भी लिखना

    ❤? है कान्हा……❤? कान्हा मेरा कुछ भी लिखना., दो पल तुमसे बातें करना होता है..। शब्दों में तुम्हें उतार कर, पन्नो पर सजाना तुम्हें अपनी उँगलियों से छूना होता है.. कान्हा।……. मेरा कुछ भी लिखना अपने शब्दों से तुम्हें पुकारना तुम्हें याद करना होता है.. कान्हा……. ?? जय श्री कृष्णा??

  • मेरी चाहतें आप से अलग कहाँ हैं

    मेरी चाहतें आप से,अलग कहाँ हैं, दिल की बातें आप से,छुपी कहाँ हैं, आप साथ रहो कान्हा,दिल में धड़कन की तरह, फिर ज़िन्दगी को साँसों की,ज़रूरत कहाँ हैं ।?? ??जय श्री श्याम??

  • चाह नहीं मैं सुरबाला के

    चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ, चाह नहीं, प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ, चाह नहीं, सम्राटों के शव पर हे हरि, डाला जाऊँ, चाह नहीं, देवों के सिर पर चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ। मुझे तोड़ लेना वनमाली! उस पथ पर देना तुम फेंक, मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पर जावें वीर…

  • चरण-चाकरी श्री श्याम जी की

    ????? चरण-चाकरी श्री श्याम जी की, जन्मों-जन्मों तक मिलती रहे.. “जय श्री श्याम “की कृपा से सबकी, सारी उम्र मस्ती से कटती रहे.. मैं जहाँ भी रहूँ तेरी कृपा से खुश रहूँ, पर मेरे नाम की हाजरी तेरे दरबार मे लगती रहे।। ?????? ?जय श्री श्याम ?

  • चरणों से बहती गंगा से चरणामृत

    चरणों से बहती गंगा से चरणामृत नित्य ही पाऊँगा, देव माटी की करके सेवा जीवन सफल बनाऊँगा, जगजननी की शिखर ध्वजा का नित्य दर्शन पाऊँगा, मैं बढभागी झुनझुनू की देहरी पर नित्य भाव चढ़ाऊँगा…. ??जय माता दी??

Got any book recommendations?