Mindblown: a blog about philosophy.

  • जो दिख रहा है वो शव है

    ??????? जो दिख रहा है वो शव है! ओर जो देख रहा है शिव है! शव होने से पहले शिव को पहचान वरना आखिरी मंजिल शमशान। ??महादेव?? ??जय भोलेनाथ जी??

  • सुना है सब कुछ मिल जाता है

    मेरे सांवरिया सुना है सब कुछ मिल जाता है “दुआ” से… …..अब आप ही बताओ कान्हा मिलते हो…. ……….खुद “या” मांगू “राधा रानी” से..!! ?? जय श्री राधे राधे??

  • सुनो ना मेरे सांवरे शोना

    सुनो ना…. मेरे सांवरे शोना…. “मैने तो रंग दिया हर रंग तेरे नाम से…!!! “सांवरे शोना” मेरी आँखों से पूछ इश्क़ किसे कहते हैं….!!! ❤ जय श्री कृष्णा ❤

  • दूर रहकर करीब रहना

    दूर रहकर….. करीब रहना नजाकत है तुम्हारी ….. याद बनकर….. आँखों से बहना शरारत है तुम्हारी ….. ?करीब? ना होते हुए भी करीब पाओगे मुझे ….. क्योंकि….. अहसास बनकर….. दिल में रहना आदत है मेरी…. जय श्री राधे कृष्णा जी **

  • वो तारीख तो बता दे कब आऐगी

    माँ.. वो तारीख तो बता दे कब आऐगी, जब तेरी आदालत मे मेरी सुनवाई होगी, “माँ वैष्णौ” गवाह होंगे ये तेरे भक्त प्यारे, और तू अपना फैसला मुझको सुनाऐगी, मै गुनाहगार बन कर तेरे दरबार मे खड़ा होंगा, और तेरा दीदार पा मेरी अँखियाँ भीगी जा रही होंगी। ?जय माता दी?

  • निकलते हैं आँसू जब मुलाकात

    ???????? निकलते हैं आँसू जब मुलाकात नहीं होती दादी तड़पता है दिल जब बात नहीं होती दादी … आप याद ना आओ ऐसी सुबह नहीं होती दादी हम आपको भूल के सो जाएँ ऐसी रात नहीं होती दादी …!!! ??जय जय श्री माता दी??

  • सुबह से शाम दादी की कर

    ?? ? ?? सुबह से शाम दादी की कर, मनुहार तो भव तर जाओगे… भाव से पुकार के देख ले बंदे, ये तो हाजिर खड़ी। ??जय श्री माता दी??

  • तेरे द्वार में बैठने से मिलती है शांति

    तेरे द्वार में बैठने से मिलती है शांति… तुझे महसूस करने से मिलती है शांति… न माला, न मंतर, न पूजा, न जाप… तुझे एक घड़ी सोचलेने से ही माता मिलती है शांति.. . ??जय श्री माता दी??

  • पाठ करें जब मंगल का मन

    ??पाठ करें जब मंगल का मन से ध्यान लगाय, मैया मंगल पाठ से सब मंगल हो जाय पाच अध्याय मंगल के मानो माँ के रूप प्रेम सहित जो पाठ करो होंगे संकट दूर…?? ???जय माता दी???

  • ऐसा चीर बना दे मोहन

    ? ? ? ??? ऐसा चीर बना दे मोहन। लाज ढकूँ हर नारी की।। बनूँ सुदामाजी के तन्दुल। भूख हरूँ बनवारी की।। बाँस बना दे मुझको गोविन्द। मुरली बन तेरे कर आऊँ।। छूकर अधर तुम्हारे मोहन। राधा जी के मनको भाऊँ।। सुध बुध खो कर साथ में तेरे। तीन लोक के दर्शन पाऊ ।। जय…

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