Mindblown: a blog about philosophy.
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तुम्हारी मोहब्बत अगर बिकती तो
#सांवरियां__ तुम्हारी मोहब्बत अगर बिकती तो, अपनी ज़िन्दगी देकर खरीद लेते, मगर क्या करे मोहब्बत ज़िन्दगी से नहीं, किस्मत से मिलती है । ??जय श्री राधेश्याम??
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सीधे साधे दो अक्षर भी
??????? सीधे साधे दो अक्षर भी क्या क्या खेल दिखाते हैं जब जब मुख से राधै निकले नजर बिहारी आते हैं ???????? राधै नाम मे है ऐसा जादू ये पापी को कर दे साधू दुख के शूल फूल बन जाये जिनसे खुशबू महक जाये ???????? राधै नाम सुमिरन् से ही वो मंजिल अपनी पा जाते…
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पहली नमस्ते परमात्मा को
????????? “पहली नमस्ते परमात्मा को, जिन्होंने हमें बनाया है”. “दूसरी नमस्ते माता पिता को, जिन्होंने हमें अपनी गोद में खिलाया है”. “तीसरी नमस्ते गुरुओं को, जिन्होंने हमको वेद और ज्ञान सिखाया है”. “चौथी और सबसे महत्वपूर्ण नमस्ते “आप को” “जिन्होंने हमें अपने साथ जुड़े रहने का मौका दिया है. ??????
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ऐसा कुछ करदो जिन्दगी में
सांवरे…. ऐसा कुछ करदो जिन्दगी में काम दोनों का चलता रहे… आंधियां भी चलती रहे और दिया भी जलता रहे…. ।। ?? जय श्रीकृष्ण ??
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याद रखना सरल व्यक्ति
?☕सुमधुर संध्या वंदन जी☕? ?? जय श्री राधे कृष्णा जी ?? याद रखना सरल व्यक्ति के साथ किया गया छलकपट, आपकी बर्बादी के सभी द्वार खोल देता है . चाहे आप कितने भी बड़े शतरंज के खिलाड़ी क्यो न हों समय सबसे बलवान है ?? !! राधे राधे जी? !!??
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हम कृष्णा प्रेमी है
#हम कृष्णा प्रेमी है,#यह शान से कहते है,?? ??#दिन रात #कान्हा’#के मस्ती में रहते है,?? ??#मिल जाये अगर कोई #कृष्णा प्रेमी?? ?? #तो न हेलो न हाय करते है।।?? ????#कान्हा को याद करके ???? ?? #राधे राधे कहते है ?? ?? #राधे_राधे ???शुभ संध्या
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लोग कहते है पैसा
!!!!!!!!!! हरे कृष्णा !!!!!!!!!! लोग कहते है पैसा संभाल के रखो बुरे वक़्त में काम आएगा। मैं कहता हूं मेरे बांकेबिहारी जी से बना के रखो बुरा वक़्त ऐसे ही निकल जायेगा। ??जय श्री कृष्णा??
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इंसानियत इन्सान को
इंसानियत इन्सान को इंसान बना देती है , लगन हर मुश्किल को आसान बना देती है । लोग यूँ ही नहीं जाते मंदिरों में पूजा करने आस्था ही तो पत्थर को भगवान बना देती है । ???जय श्री राम???
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मैं भी कितना अजीब हूँ न
??मैं भी कितना अजीब हूँ न !?? व्यस्त होता हूँ तो ”साधना” भूल जाता हूँ बुराई करूँ तो ”अंजाम” भूल जाता हूँ भोजन में ”धन्यवाद” कहना भूल जाता हूँ गुस्से में तो ”बर्दाश्त” भूल जाता हूँ! सफर पर जाऊँ तो ”प्रार्थना”भूल जाता हूँ क्या शान है मेरे ”परमेश्वर” की वह फिर भी नवाज़ता है, ….वह…
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मुझको फिर बहीं सुहाना नजारा
मुझको फिर बहीं सुहाना नजारा मिल गया नजरों को जो दीदार तुम्हारा मिल गया और किसी चीज की तमन्ना क्यों करूँ “सांवरे ” जब मुझे तेरी चरणों में सहारा मिल गया .. ??जय श्री राधेकृष्णा ??
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