Mindblown: a blog about philosophy.

  • सड़क कितनी भी साफ हो

    ?????????? सड़क कितनी भी साफ हो “धूल” तो हो ही जाती है, इंसान कितना भी अच्छा हो “भूल” तो हो ही जाती “मैं अपनी ‘ज़िंदगी’ मे हर किसी कोअहमियत’ देता हूँ…क्योंकिजो ‘अच्छे’ होंगे वो ‘साथ’ देंगे…और जो ‘बुरे’ होंगे वो ‘सबक’ देंगे…!! जिंदगी जीने के लिए सबक और साथ दोनों जरुरी होता है।सुप्रभात ??????????

  • जिन्दगी में चुनौतियों से भागना

    “जिन्दगी में चुनौतियों से भागना, जीवन में और अधिक चुनौतियों को आमंत्रण देने के समान है यह जीवन की सच्चाई है…।जैसे….एक शान्त समुद्र में कोई भी कुशल नाविक नहीं बन सकता…।”? जय_श्रीराम ? जयजय बजरंगबली ?

  • दिल कभी ना लगाना दुनिया से

    दिल कभी ना लगाना दुनिया सेदर्द ही पाओगेबीती बातें याद करकेरोते ही जाओगेकरना ही है तोकरो भजन मेरे श्याम काहमेसा उम्मीद से दुगना ही पाओगेमेरी पहचान मेरा खाटूवाला श्याम?ქaii sჩree sჩყaო❤

  • कद्र करनी है तो जीते जी करें

    “कद्र” करनी है तो “जीते जी” करें“मरने” के बाद तो “पराए” भी रो देते हैंआज “जिस्म” मे “जान” है तोदेखते नही हैं “लोग”जब “रूह” निकल जाएगी तो“कफन” हटा हटा कर देखेंगेकिसी ने क्या खूब लिखा है“वक़्त” निकालकर“बाते” कर लिया करो “अपनों से”अगर “अपने ही” न रहेंगेतो “वक़्त” का क्या करोगे“गुरुर” किस बात का… “साहब”आज “मिट्टी”…

  • सब शुभ कारज में पहले पूजा तेरी

    सब शुभ कारज में पहले पूजा तेरी, तुम बिना काम ना सरे, अरज सुन मेरी रिध सिध को लेकर करो भवन में फेरी करो ऐसी कृपा नित करूँ मैं पूजा तेरी, ?#ॐश्रीगणेशायनमः??? ??#प्रातःनमन??

  • जिसमे नुकसान सहने की ताकत

    ????जिसमे नुकसानसहने की ताकत होवही मुनाफा कमा सकता है. फिर चाहे वोकारोबार हो या रिश्ते… जिन्दगी की हर तपिश को मुस्कुरा कर झेलिए…क्योंकि धूप कितनी भी तेज हो समंदर सूखा नहीं करते !! ??प्रभात वन्दे??

  • परखो तो कोई अपना नहीं

    (?सुंदर लाइन,?)परखो तो कोई अपना नहीं,समझो तो कोई पराया नहीं,चेहरे की हंसी से,गम को भुला दो,कम बोलो पर,सब कुछ बता दो,खुद ना रूठो पर,सबको हंसा दो,यही राज है जिंदगी का,जियो और जीना सिखा दो,।ॐ जय श्री राधे कृष्णा की,।।?????ॐ हरिॐ जी आप को सुप्रभात,ॐ हनुमंते नमः,ॐ मंगल को जन्मे मंगल ही करदे,मंगलमय हनुमान,ॐ जय हनुमानजी…

  • अहं सर्वस्य प्रभवो मत्तः

    ??श्रीमद् भगवद्गीता श्लोक????????????अहं सर्वस्य प्रभवो मत्तः सर्वं प्रवर्तते ।इति मत्वा भजन्ते मां बुधा भावसमन्विताः ॥??????????भावार्थ : मैं वासुदेव ही संपूर्ण जगत्‌ की उत्पत्ति का कारण हूँ और मुझसे ही सब जगत्‌ चेष्टा करता है, इस प्रकार समझकर श्रद्धा और भक्ति से युक्त बुद्धिमान्‌ भक्तजन मुझ परमेश्वर को ही निरंतर भजते हैं॥??????????आपका आज का दिन मंगलमय…

  • एक सुबह होगी जब लोगों के

    एक सुबह होगी ?? जब लोगों के कंधों पर ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं दफ्तर का बैग होगा, गली में एंबुलेंस नहीं स्कूल की वैन होगी, और भीड़ दवाखानो पर नहीं चाय की दुकानों पर होगी, एक सुबह होगी ❤❤ जब पेपर के साथ पापा को काढ़ा नहीं चाय मिलेगी, दादाजी बाहर निकल कर बेखौफ पार्क में…

  • खुशी से बढ़ कर पौष्टिक
    खुराक

    खुशी से बढ़ कर पौष्टिकखुराक कोई भी नहीं हैदूसरों को खुशियाँ देना हीसबसे बड़ा पुण्य का काम हैसुख में सौ मिले दुख में मिले न एकसाथ कष्ट में जो रहे साथी वही है नेकक्रोध हवा का वह झोंका है जोबुद्धि के दीपक को बुझा देता हैजिनकी भाषा में सभ्यता होती हैउनके जीवन में सदैव भव्यता…

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