Mindblown: a blog about philosophy.
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तीर्थ करने के लिए
??ॐ?? तीर्थ करने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। सबसे अच्छा और बड़ा तीर्थ आपका अपना मन है, जिसे विशेष रूप से शुद्ध किया गया हो। ??जय श्री कृष्णा??
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यह साँवरे का दरबार है
?????राधे~राधे?????* यह साँवरे का दरबार है , यहाँ मनमानी नही होती..! यह बात भी पक्की है कि यहाँ, कोई परेशानी नही होती..!! कुछ तो बात होगी, मेरे साँवरे सरकार में.. वरना यूँही दुनिया इनकी, दीवानी नही होती..!!!
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दरबार में आकर राधे को
दरबार में आकर राधे को तू अपना हाल सुनाये जा राधे न सुने नामुमकिन है तू अपना जोर लगाये जा है काम बहुत मेरी राधा रानी को ये सारे जग की स्वामी है सुनने की घड़ी कब आ जाये तू अपना दाँव लगाये जा ?जय जय श्री राधे ?
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कहीं ना कहीं कर्मों का डर है
☄☘? सुंदर पंक्ती ?? कहीं ना कहीं कर्मों का डर है ! नहीं तो गंगा पर इतनी भीड़ क्यों है? जो कर्म को समझता है उसे धर्म को समझने की जरुरत ही नहीं पाप शरीर नहीं करता विचार करते है और गंगा विचारों को नहीं ! सिर्फ शरीर को धोती है | “शब्दों का महत्व…
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खाटु वाले हमें बुला ले
खाटु वाले हमें बुला ले एक बार खाटु धाम, भरोसा तेरा है मेरे श्याम भरोसा तेरा है ??जय श्री श्याम जी??
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जब से मैंने श्याम तेरा नाम लिया है
❣जब से मैंने श्याम तेरा नाम लिया है ??धीरे धीरे मेरा हर काम हुआ है ?मिट गई तकलीफ अब आराम हुआ है ?मेरी हर ख़ुशी का इन्तजाम हुआ है ?जय श्री श्याम?
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आओ किसी शाम मुझे टूट के बिखरता देखो
हे प्यारे ….. आओ किसी शाम मुझे टूट के बिखरता देखो। मेरी रगों में जहर जुदाई का उतरता देखो, किस किस अदा से तुझे मांगा है तुझी से। आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो मेरे गोविंद!….
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ले चल अपने साथ सांवरिया
ले चल अपने साथ सांवरिया ये दुनिया ना मेरी है बना जिस्म तो मिट्टी का मगर रूह ये तेरी है तेरे बिन कोई नही जिंदगी हर एक सांस अधूरी है अब तो आ जा साँवरिया मिलना तेरा जरूरी है तू मुझसे तो नही है मेरी ही मगरूरी है मेरी मेरी मिटा दे साँवरिया फिर तेरी…
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मुझे अपने रंग में रंग ले श्याम
मुझे अपने रंग में रंग ले “श्याम”, मुझे और कोई रंग भाये ना। हर पल तेरा ही नाम पुकारूँ, मुझे और तो कोई नाम याद आये ना।। ????जय श्री श्याम जी ????
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हे लाङली मेरी श्री जी जो छू ले
हे लाङली मेरी श्री जी जो छू ले, तेरे चरणों की धुल लाङली ll वो मिट्टी भी सोना बन जाये ll एक नजर जिस पर पड़ जाये तुम्हारी ll वो कंकर भी कोहेनूर कहलाये ll खाली दामन भर देती है ll तू मुराद पूरी कर देती है ll जब देने पर आती है तो.ll लिखा…
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