Mindblown: a blog about philosophy.

  • सफलता भी फीकी लगती है

    “सफलता” भी फीकी लगती है, यदि कोई “बधाई देने वाला” नहीं हो।और “विफलता” भी सुन्दर लगती है, जब आपके साथ “कोई अपना खड़ा” हो।*ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं* *और* ना पास रहने से जुड़ जाते हैंयह तो एहसास के पक्के धागे हैजोयाद करने सेऔर मज़बूत हो जाते है।??प्रातः वंदन?????????????

  • जाने कब मन के बढ़े चरण

    जाने कब मन के बढ़े चरण श्यामतुम्हारी ओरजाने कब दिशा बदल गई मेरेमन कीजाने कब तुमने दर्शाया आकर्षणअपनाफिर सुधि ही न रही मुझको अपनेतन मन कीमन मीरा बन कर गा लेता कुछ गीतअछूते सेयदि तुमसे भी न में कुछ कहता तोरहती मन में मन की???????? जय श्री राधे

  • एक दिन चाँद से की थी गुजारिश हमने

    ???एक दिन चाँद से की थी गुजारिश हमने,???मेरी “श्याम बाबा” से करवाओ मुलाकात कभी…??चाँद भी मुस्कुरा कर टाल गया, कहा मत कर शर्मिंदा अभी…??तेरे “श्याम” को देख कर फिर ना कभी चमक पाऊंगा,??रौशनी तेरे “श्याम “की है कुछ अलग, शायद मैं खुद ही खो जाऊंगा ! ??? ????

  • एक बार अर्जुन ने कृष्ण से पूछा

    एक बार अर्जुन ने कृष्ण से पूछा-माधव.. ये ‘सफल जीवन’ क्या होता है ? कृष्ण अर्जुन को पतंग उड़ाने ले गए।अर्जुन कृष्ण को ध्यान से पतंग उड़ाते देख रहा था. थोड़ी देर बाद अर्जुन बोला- माधव.. ये धागे की वजह से पतंग अपनी आजादी से और ऊपर की ओर नहीं जा पा रही है, क्या…

  • विधि का विधान

    ? विधि का विधान ? भगवान श्री राम जी का विवाह और राज्याभिषेक दोनों शुभ मुहूर्त देख कर ही किया गया था, फिर भी ना वैवाहिक जीवन सफल हुआ और ना ही राज्याभिषेक। और जब मुनि वशिष्ठ सेइसका जवाब मांगा गया तोउन्होंने साफ कह दिया- सुनहु भरत भावी प्रबलबिलखि कहेहूं मुनिनाथलाभ-हानि जीवन-मरणयश – अपयश विधि…

  • प्रभु मेरे मुरली वाले

    प्रभु मेरे मुरली वाले,भाव पुष्पांजलि स्वीकार करो।बिन दर्शन अब चैन नहीं ,अब तो मेरी मन पीर हरो। राह तकत मैं भई बावरी कान्हा, अब तो भक्ति विमल वर दो,बस इतनी कृपा करो |???जय श्री राधे कृष्णा???????शुभ सँध्या????

  • हम एक दूसरे के साथ कर्मों की डोरी से

    प्रातः वंदन ?? हम एक दूसरे के साथ कर्मों की डोरी से बँधे हुए हैं अपने कर्मों के लेन-देन का हिसाब पूरा करने के लिए यहां आते हैं संसार में कोई माँ-बाप तो कोई औलाद बनकर आ जाता है कोई दोस्त और कोई रिश्तेदार बनकर आ जाता है जैसे ही प्रारब्ध के कर्मों का हिसाब…

  • बुराई बड़ी मीठी है

    बुराई बड़ी मीठी है, उसकी चाहत कम नहीं होती !सच्चाई बड़ी कड़वी है, सबको हजम नहीं होती.. !! कुछ कह गए, कुछ सह गए,कुछ कहते कहते रह गए.!मै सही तुम गलत के खेल में न जाने कितने रिश्ते ढह गए !!??? जय श्री श्याम ???

  • समझदार वो नहीं जो ज्यादा पढा़ लिखा हो

    समझदार वो नहीं जो ज्यादा पढा़ लिखा होबल्कि समझदार वो है जिसे ये हुनर आता हो कि किससे कहां किन शब्द और किस अंदाज में बात करनी हैदुनिया वो किताब है जो कभी नहीं पढी़ जा सकती लेकिन जमाना वो अध्यापक है जो सबकुछ सिखा देता है??राधे राधे जी ??????

  • विचारों को वश में रखिये

    विचारों को वश में रखिये“वो तुम्हारें शब्द बनेंगे”शब्दों को वश में रखिये“वो तुम्हारें कर्म बनेंगे”कर्मों को वश में रखिये“वो तुम्हारी आदत बनेंगे”आदतों को वश में रखिये“वो तुम्हारा चरित्र बनेगा”चरित्र को वश में रखिये“वो तुम्हारा भाग्य बनेंगे।? सुप्रभात ?

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