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कहीं ना कहीं कर्मों का डर है
☄☘? सुंदर पंक्ती ?? कहीं ना कहीं कर्मों का डर है ! नहीं तो गंगा पर इतनी भीड़ क्यों है? जो कर्म को समझता है उसे धर्म को समझने की जरुरत ही नहीं पाप शरीर नहीं करता विचार करते है और गंगा विचारों को नहीं ! सिर्फ शरीर को धोती है | “शब्दों का महत्व…
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ले चल अपने साथ सांवरिया
ले चल अपने साथ सांवरिया ये दुनिया ना मेरी है बना जिस्म तो मिट्टी का मगर रूह ये तेरी है तेरे बिन कोई नही जिंदगी हर एक सांस अधूरी है अब तो आ जा साँवरिया मिलना तेरा जरूरी है तू मुझसे तो नही है मेरी ही मगरूरी है मेरी मेरी मिटा दे साँवरिया फिर तेरी…
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हे मेरे बांके बिहारी मेरी
??☀?????☀???।। ?? हे मेरे बांके बिहारी मेरी ?? ?? इबादत को अब एक ।। ?? ?? मकाम मिल गया है ।। ?? ?? तुम न सही तुम्हारी ।। ?? ?? दीवानगी का इल्जाम।। ?? ?? ?मिल गया है।। ? ?? ☀???☀???☀???।। जय श्री राधे क्रष्ण ??प्रणाम ??
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ओस से लिखूं या अश्कों से लिखूं
?ओस से लिखूं या अश्कों से लिखूं? ?मैं दिल की कहानी कैसे लिखूं ? ?फुलों पे लिखूं या हाथों पे लिखूं? ?होंठो की ज़ुबानी कैसे लिखूं? ?है दिल की बातें, ? ?यूँ तो बहुत कुछ कहना है,? ? बहुत कुछ सुनना है? ?इस कागज़ के एक टुकड़े पर? ?मैं। अपनी कहानी कैसे लिखूं? ?तू बता…
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चाहे महलों मे ले चलो या वीरानों में
??चाहे महलों मे ले चलो या , वीरानों में ले चलो। जहाँ भी आप रहो, उन ठिकानो पे ले चलो। जीते -जागते भूतों की दुनिया से डर रहा हूँ। मुझे तो मेरे नाथ तुम शमशानों में ले चलो।।?? ओऽम् नमः शिवाय ?? …….महादेव
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वृन्दावन की रज रज प्यारी
????!! जय श्री कृष्णा !! !!वृन्दावन की रज रज प्यारी, इस रज का हर कण कण भारी! !!वृन्दावन में हे बाँके-बिहारी, संग विराजें राधिका प्यारी! ????!! राधे-राधे !!
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छाएँ काली घटाएँ तो क्या
“छाएँ काली घटाएँ तो क्या… उसकी छतरी के नीचे हूँ मैं ….. आगे आगे ये चलता मेरे… अपने मालिक के पीछे हूँ मैं….. जब तूने पकड़ा मेरा हाथ है…. तो फिर डरने की क्या बात है…. साँवरा जब हमारे साथ है तो बोलो डरने की क्या बात है…” ????? जय जय श्री श्याम? ?????
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न किसी का फेंका हुआ मिले
हे प्रभू न किसी का फेंका हुआ मिले, न किसी से छीना हुआ मिले, मुझे बस मेरे नसीब मे लिखा हुआ मिले, ना मिले ये भी तो कोई ग़म नही मुझे बस मेरी मेहनत का किया हुआ मिले.. ???सुप्रभात??? आपको सुबह का सादर नमस्कार
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साँवरे कसूर है मेरी आँखों का
साँवरे कसूर है मेरी आँखों का जो आपको देख नहीं पाती, वरना आप तो उनको भी नज़र आते हो जिनकी आँखें ही नही होती. ?जय श्री कृष्णा ?
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दिल में छिपी यादों से मैं सवारूँ तुझे
मेरे श्याम… दिल में छिपी यादों से मैं सवारूँ तुझे…. तू दिखे तो अपनी आँखों मै उतारू तुझे…. तेरे नाम को अपने लबों पर ऐसे सजाऊ, गर सो भी जाऊ तो ख्वाबो में पुकारू तुझे…. हरे कृष्णा…?????