Tag: hindi bhakti sandesh
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दिल में छिपी यादों से मैं सवारूँ तुझे
मेरे श्याम… दिल में छिपी यादों से मैं सवारूँ तुझे…. तू दिखे तो अपनी आँखों मै उतारू तुझे…. तेरे नाम को अपने लबों पर ऐसे सजाऊ, गर सो भी जाऊ तो ख्वाबो में पुकारू तुझे…. हरे कृष्णा…?????
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सच्चा साथी श्याम
सच्चा साथी श्याम, हमारा बाकि भुल भुलैया है, भवसागर का एक ही मांझी, अपना श्याम कन्हैया है, ???जय श्री श्याम???
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ऑखों में तेरे दीदार की आस आज भी है
???????? ?ऑखों में तेरे दीदार की, आस आज भी है…..!! लबों को मेरे तेरे लबों की, प्यास आज भी है…..!! ? ?पूछे जो कोई किस्सा तेरा, दिल थम जाता है……!! पागल दिल को तुझ पर, ऐतबार आज भी है…..!! ? ?इश्क के किस्सों ने तेरे, मुझे सारे जहां में, मशहूर कर दिया………!! पूछ तो जमाने…
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शीश के दानी को बारम्बार नमन
?जय श्री श्याम? शीश के दानी को बारम्बार नमन…. क्या करूँ मैं बाबा तुझसे हटता नहीं मेरा मन…. हारे का तुम सहारा हो…. कश्ती का तुम किनारा हो…. जिस भाव से पूजों , उस रंग में मिल जाते हो…. अपने भक्तों का सुना है , साथ खूब निभाते हो…. मुझको को चरणों मे अपनी जगह…
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तेरे नाम ने और तेरी मोहब्बत ने
तेरे नाम ने और तेरी मोहब्बत ने, मेरी पहचान इस कदर बना दी है कान्हा | मैं किसी के पास से गुजरता हूँ, तो सभी मुझे ‘जय श्री कृष्णा’ कहते हैं || ???जय श्री कृष्णा???
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शीश नवा के कृष्ण को
शीश नवा के कृष्ण को, दिया शीश का दान, अमर हुआ इतिहास में, यह महान बलिदान, इस अतुलित बलिदान का, निकला यह परिणाम, बर्बरीक अब है अमर, नाम हो गया श्याम। ।। जय श्री श्याम।। ?????????
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हो जाऊँ दूर तुमसे
?❤?❤ हो जाऊँ दूर तुम से फिर मोहब्बत किससे करूँ , तुम हो जाओगे नाराज, फिर शिकायत किससे करूँ…..!!? इस दिल मे कुछ भी नही है तेरी चाहतों के सिवा…..,,? अगर तुम्हे ही भुला दूँ..तो..फिर याद किसे करूँ.? ???राधे राधे जी???
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बोली लगे जब प्रियतम मेरी
बोली लगे ..जब प्रियतम मेरी… ना कोई मेरा चाहने वाला हो… पहली भी तेरी बोली हो.. आख़िरी भी द़ाव तुम्हारा हो… ??।।जय श्री राधे राधे जी।।??
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जो पल मेरे बीत गए वो तेरे हो गए
हे श्याम, जो पल मेरे बीत गए वो तेरे हो गए, जो आयेंगे उनमें तूँ अपना वास रखना आ, हे प्यारे श्याम सुंदर मुझे, बस अपने चरणों के पास रखना, ? ” जय श्री श्याम जी ? ??जय जय श्री राधे??
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हो सके तो मुस्कुराहट बाँटिये
हो सके तो मुस्कुराहट बाँटिये रिश्तों में कुछ सरसराहट बाँटिये! नीरस सी हो चली है ज़िन्दगी बहुत, थोड़ी सी इसमें शरारत बाँटिये! सब यूँ ही भाग रहे हैं परछाइयों के पीछे, अब सुकून की कोई इबादत बाँटिये! ज़िन्दगी यूँ ही न बीत जाये गिले शिकवों मे बेचैनियों को कुछ तो राहत बाँटिये.!!! ? सुप्रभात?