Tag: subah ke sandesh
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कभी हँसते हुए छोड़ देती है
?????????? ✍.. कभी हँसते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी कभी रोते हुए छोड़ देती है ये जिंदगी। न पूर्ण विराम सुख में, न पूर्ण विराम दुःख में, बस जहाँ देखो वहाँ अल्पविराम छोड़ देती है ये जिंदगी। प्यार की डोर सजाये रखो, दिल को दिल से मिलाये रखो, क्या लेकर जाना है साथ मे…
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हो सके तो मुस्कुराहट बाँटिये
हो सके तो मुस्कुराहट बाँटिये रिश्तों में कुछ सरसराहट बाँटिये! नीरस सी हो चली है ज़िन्दगी बहुत, थोड़ी सी इसमें शरारत बाँटिये! सब यूँ ही भाग रहे हैं परछाइयों के पीछे, अब सुकून की कोई इबादत बाँटिये! ज़िन्दगी यूँ ही न बीत जाये गिले शिकवों मे बेचैनियों को कुछ तो राहत बाँटिये.!!! ? सुप्रभात?
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रिश्तों का स्वाद हर रोज बदलता रहता है
“रिश्तों का स्वाद हर रोज बदलता रहता है… मीठा,नमकीन या खारा…! बस ये इस बात पर निर्भर करता है कि….. हम प्रतिदिन अपने रिश्ते में मिला क्या रहे है ?? ? सुप्रभात ?
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न संघर्ष न तकलीफें
न संघर्ष न तकलीफें फिर क्या मजा है जीने में… तूफान भी रूक जाएगा जब लक्ष्य रहेगा सीने में..✍ पसीने की स्हायी से लिखे पन्ने कभी कोरे नहीं होते जो करते है मेहनत दर मेहनत उनके सपने कभी अधूरे नहीं होते…✍ ⛳⛳ सुप्रभात्⛳⛳ ??? ???