आओ किसी शाम मुझे टूट के बिखरता देखो

हे प्यारे …..
आओ किसी शाम मुझे टूट के बिखरता देखो।
मेरी रगों में जहर जुदाई का उतरता देखो,
किस किस अदा से तुझे मांगा है तुझी से।
आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो
मेरे गोविंद!….

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