उनके लिये सवेरे नहीं होते,
जो जिन्दगी में,
कुछ भी पाने की उम्मीद छोड़ चुके हैं,
उजाला तो उनका होता है,
जो बार बार हारने के बाद,
कुछ पाने की उम्मीद रखे हैं।
???सुप्रभात???
उनके लिये सवेरे नहीं होते,
जो जिन्दगी में,
कुछ भी पाने की उम्मीद छोड़ चुके हैं,
उजाला तो उनका होता है,
जो बार बार हारने के बाद,
कुछ पाने की उम्मीद रखे हैं।
???सुप्रभात???