कर्म करम की गठरी लाद के

कर्म करम की गठरी लाद के,
जग में फिरे इंसान,!!
जैसा करे वैसा भरे,
विधि का यही विधान,!!
करम करे क़िस्मत बने,
जीवन का ये मर्म,!!
प्राणी तेरे भाग्य में,
तेरे अपने कर्म!!

शुभ रात्रि

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