कुछ सोचूँ तो तेरा “ही” ख़्याल आता है,
कुछ बोलू तो तेरा “ही” नाम आता है ।।
कब तक “मैं” छुपाऊँ अपने “दिल” की बात,
उस की हर अदा पे हमें “प्यार” आता है..
जय श्री राधेकृष्णा
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कुछ सोचूँ तो तेरा “ही” ख़्याल आता है,
कुछ बोलू तो तेरा “ही” नाम आता है ।।
कब तक “मैं” छुपाऊँ अपने “दिल” की बात,
उस की हर अदा पे हमें “प्यार” आता है..
जय श्री राधेकृष्णा
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