यदि आप के चंद मीठे बोलों से किसी का रक्त बढ़ता है तो यह भी रक्त दान है
यदि आप के द्वारा किसी की पीठ थपथपाने से उसकी थकावट दूर होती है तो यह भी श्रम दान है
यदि आप कुछ भी खाते समय उतना ही प्लेट में लें कि कुछ भी व्यर्थ ना जाए तो यह भी अन्न दान है।
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!!जय श्रीगणेश!!
सुप्रभात
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