Home शुभ संध्या / शुभ रात्री यूँ ही नहीं मिलती राही को मंजिल

यूँ ही नहीं मिलती राही को मंजिल

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​???जय ?श्री ?राधे राधे?????​
????????????????
यूँ ही नहीं मिलती राही को मंजिल,
एक जूनून सा दिल में जगाना होता है,
पूँछा चिड़िया से कैसे बनाया आशियाना बोली –
भरनी पड़ती है उड़ान बार बार,
तिनका तिनका उठाना होता है
???शुभ रात्रि???

????????????????

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